अमर शहीद के नाम पर न सड़क बनी, और न ही बन पाया अब तक गेट, मां की आंखों में दिखा अनदेखी का रंज
ज्वाली- अनिल छांगू
उपमंडल ज्वाली के अधीन पंचायत नाणा के धेवा से संबंध रखने वाले तिलक राज आज के दिन 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा अटैक में शहीद हो गए थे। तिलक राज जम्मू में सीआरपीएफ में बतौर सिपाही कार्यरत थे। वर्ष 2019 को आज के दिन देश-प्रदेश सहित जवाली का हर निवासी गमगीन था लेकिन वक्त की थपेड़ों ने शहीद की शहादत को धुंधला कर दिया।
शहीद के परिजनों को इस बात का रंज है कि अब तक तिलक राज के नाम पर सड़क का सपना पूरा नहीं हो पाया है यही नहीं, उनके नाम पर शहीद गेट बनाने के वादे हुए थे, जो अब तक अधूरे हैं। भले ही शहीद के परिजन खुलकर कुछ न बोलते हों, लेकिन उनके चेहरों पर मायूसी सब ब्यां करती हैं।
आंखें अब भी बेटे का करती हैं इंतजार
शहीद तिलक राज के पिता लायक राज व माता बिमला देवी ने अश्रु भरी आंंखों से रूद्र स्वर में कहा कि हमारे बेटे ने देश सेवा में प्राणों का बलिदान दिया है, जो कि हमारे लिए गर्व की बात है। आज भी हमारी आंखें अपने बेटे के आने का इंतजार करती हैं। शहीद की माता बिमला ने कहा कि सरकार ने श्मशानघाट को जाने वाले रास्ते को पक्का करवानेए सड़क का नाम शहीद के नाम पर बनाने व शहीद की प्रतिमा लगवाने का वादा किया था लेकिन आजतक कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ है, जिससे हमें आघात पहुंचती है।
22 दिन का था बेटा
शहीद तिलक राज अपने पीछे पिता लायक, माता बिमला, पत्नी सावित्री व दो बच्चे वरुण व विवान छोड़ गए थे। उस समय विवान मात्र 22 दिन का था। वरुण छह साल का है, जबकि विवान तीन साल का है।
ये थे अंतिम शब्द
13 फरवरी, 2019 की शाम करीब छह बजे तिलक राज ने पत्नी सवित्री देवी से फोन पर बात की थी तथा फोन पर बताया था कि छुट्टी आकर वह गाना रिकार्ड करवाकर रिलीज करेंगे।
लोक गायक भी थे तिलक राज
तिलक राज कबड्डी खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि लोकगायक भी थे। उन्होंने सिड्डू शराबी, नीलमा गद्दण व मेरी मोनिका जैसे हिट गाने गाए थे। यू-ट्यूब पर हजारों लोगों ने इन गानों को सुना है। छुट्टी आने के बाद घर में घरेलू कबड्डी प्रतियोगिता में हारचक्कियां टीम की ओर से खेलते थे।