एक साल में डेयरी के दूध से 19 लाख की कमाई; बंदी कर रहे गो सेवा, जेल में अनोखी पहल
धर्मशाला – व्यूरो रिपोर्ट
बालीवुड की मशहूर फिल्म ‘दो आंखें बारह हाथ’ की कहानी आज भी लोगों को याद होगी, जिसमें एक जेलर कई खूंखार कैदियों को सच्चाई की राह पर चलना सिखाता है।
कुछ ऐसी ही तस्वीर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के जिला एवं मुक्त कारागार धर्मशाला के परिसर में देखने को मिल रही है। जहां जेल में बंद कई कैदी मुक्त कारागार में खोली गई डेयरी में गाय की सेवा करते नजर आ रहे हैं।
जेल अधीक्षक धर्मशाला विकास भटनागर की देखरेख में ये सभी कैदी जीवन को नई दिशा देने की कोशिश में गो सेवा में जुटे हैं और यह इनकी मेहनत का ही फल है कि अब इस गोशाला की कमाई लाखों में पहुंच चुकी है।
गोशाला में प्रतिदिन चार से पांच कैदी काम करते हैं। गर्मियों में सुबह साढ़े चार से सात बजे तक और सर्दियों में साढ़े चार से साढ़े पांच बजे तक ड्युटी होती है।
गउओं के दूध का उपयोग लोगों के साथ-साथ जेल की कैंटीन में भी उपयोग में लिया जाता है। करीब दस लाख रुपए की लागत से गोशाला तैयार करवाई गई है। गौशाला में वहीं कैदी काम करेंगे, जिनका आचरण अच्छा है।
गउओं की सेवा में जुटे बंदी कहते हैं कि गाय की सेवा कर गुनाह से तौबा कर रहे हैं, जिससे उन्हें सुकून मिल रहा है। सेवा के बदले उनकी कमाई भी हो रही है। गोशाला में कई दर्जन से अधिक गउओं के बछड़े भी हैं, जिनके चलते सेवादारों का मन भी लगा रहता है।
जेल अधीक्षक धर्मशाला विकास भटनागर के बोल
जेल अधीक्षक धर्मशाला विकास भटनागर ने कहा कि डेयरी से वर्ष भर में काफी इनकम हो रही है, जिसका लाभ कैदियों व जेल को भी मिल रहा है।
हैड वार्डर परवेज खान के बोल
जिला एवं मुक्त कारागार धर्मशाला जेल के परिसर में हैड वार्डर परवेज खान ने बताया कि गोशाला में गोवंश के लिए कूलर, पंखे से लेकर तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। जिला एवं मुक्त कारागार धर्मशाला जेल के परिसर की इस गोशाला में 25-30 गउएं हैं, जो सौ से 130 लीटर दूध प्रतिदिन दे रही हैं।
इसमें एक वित्तीय वर्ष 2023-24 में करीब 18 लाख 80 हज़ार नौ सौ चार रुपए तक की कमाई की है। अप्रैल, 2024 से नवंबर तक 11 लाख 90 हज़ार तीन सौ 82 रुपए तक की कमाई की है। गोशाला ने पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग 19 लाख रुपए की कमाई की है।