मंडी – अजय सूर्या
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के बयान ‘राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी खजाना लुटने नहीं देंगे’ को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसे हास्यास्पद करार दिया है। तांदी बगस्याड़ में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह बयान समझ से परे है।
उन्होंने कहा कि जब कर्मचारी अपने हकों के लिए आवाज उठा रहे हैं, तो मुख्यमंत्री एक आध मंत्री को आगे कर खुद पीछे हट गए हैं। उन्होंने एक मंत्री की ओर से कर्मचारियों को हड़काने और उन पर दबाव डालने की कोशिश को भी दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि जब कर्मचारी नेताओं ने फिजूलखर्ची पर सवाल उठाए, तो सरकार चुप क्यों हो गई? जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुक्खू से इन सभी मुद्दों पर जवाब देने की मांग की है।
जयराम ने सवाल उठाया कि क्या मुख्यमंत्री हिमकेयर और सहारा जैसी योजनाओं को लूट मानते हैं, जो आम जनता के लिए बनाई गई थीं? उन्होंने कहा कि क्या गांव और देहात के गरीब परिवारों को निशुल्क पानी पिलाना और गरीबों के घर में बिना बिल के दो बल्ब जलाने की सुविधा को भी सीएम सुक्खू लूट मानते हैं? उन्होंने मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी बातों से ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें एक कल्याणकारी राज्य की परिभाषा का ही ज्ञान नहीं है।
उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार का काम केवल जनता पर एकतरफा टैक्स थोपना ही है। पूर्व सीएम ने मुख्यमंत्री से यह भी पूछा कि कांग्रेस सरकार में इतनी बड़ी संख्या में सलाहकारों की नियुक्ति क्यों की गई है और क्यों उन्हें मंत्रियों के बराबर सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अपने मित्रों को अडजस्ट करने के लिए कैबिनेट रैंक रेवड़ियों की तरह बांटे जा रहे हैं। मंत्रियों और सीपीएस के आगे-पीछे पुलिस की गाड़ियों का काफिला दौड़ाया जा रहा है।