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सिरमौर – नरेश कुमार राधे

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ऐतिहासिक शहर नाहन के चौगान मैदान में “जोड़ मेला” की आड़ में कथित लुट शुरू हो गई है। झूलों में बच्चों की महज 5 मिनट की राइड के 60 से 80 रूपए वसूले जा रहे है। मैदान के एक कोने में भूत बंगला बनाया गया है जिसमें छोटे बच्चों की टिकट जारी नहीं होनी चाहिए, लेकिन टिकट खुलकर बेचे जा रहे है। जिद कर बच्चे अंदर तो दाखिल हो जाते है, मगर डर की वजह से उल्टे पाँव लौट आते है।

ऐसी सूरत में न तो टिकट दिया जाता है न ही पैसे वापस लौटाए जाते है। बड़ी बात यह भी है कि ठेकेदार को कोई टैक्स भी नहीं देना है। जानकर बताते है कि टिकटों की बिक्री मनोरंजन टैक्स की परिधि में आती है, लेकिन मजाल है कि संबंधित विभाग कोई कार्रवाई करे।

उधर,मेले में धड़ल्ले से बाहर के कारोबारी धंधा कर रहे है जिससे स्थानीय कारोबारियों को भी नुकसान उठाना पड़ता है। धार्मिक नजरिये की वजह से सब चुप रहते है, लेकिन इस बार तो कथित लूट में सीमाओं को ही लांघा जा रहा है। बच्चों की जिद की वजह से पेरेंट्स को हार माननी पड़ती है।

नगर परिषद का नजरिया भी अपने शुल्क तक ही होता है। सवाल यह भी उठता है कि शहर के बीचो बीच खतरनाक झूलों की फिटनेस को लेकर सर्टिफिकेट जारी करने के बाद क्यों इतिश्री कर ली जाती है। जबकि समय- समय पर निरीक्षण झूले के टूटने से होने वाले हादसों के कई उदाहरण है। बता दे कि गत वर्ष झूले के लिए 40 रुपये लिए जा रहे थे  लेकिन इस बार दाम भी बढ़ा दिए है साथ ही समय में कटौती की गई है।

लोगों का आरोप है कि धार्मिक मेले की आड़ में मनचाहे दाम वसूल किये जा रहे है। इसी बीच गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट अमृत शाह ने कहा कि रविवार को दामों को लेकर उचित कदम उठाये जायेंगे। डीसी सुमित खिमटा ने कहा कि टैक्स को लेकर संबंधित विभाग को निर्देश जारी कर दिए गए है।

साथ ही बताया कि मेले से जुड़ी हरेक जानकारी ली जाएगी। लगातार 10 दिन तक अनुमति भी सही नहीं है। बता दे कि खेल संगठन भी मैदान की दुर्दशा को लेकर कई मर्तबा सवाल उठा चुके है। मेलों का आयोजन चंबा ग्राउंड में भी किया जा सकता है।

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