धर्मगुरु बोले, भारत से भी हो सकता है अगला दलाईलामा।
हिमखबर डेस्क
तिब्बती बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक नेता दलाईलामा ने एक नई पुस्तक में कहा है कि उनके उत्तराधिकारी का जन्म चीन के बाहर होगा।
इस पुस्तक के प्रकाशित होने से हिमालयी क्षेत्र पर नियंत्रण को लेकर बीजिंग के साथ विवाद और बढ़ गया है, जहां से वे छह दशक से अधिक समय पहले पलायन कर गए थे।
उन्होंने वॉयस फॉर द वॉइसलेस में लिखा है कि दुनिया भर के तिब्बती चाहते हैं कि 89 वर्षीय दलाई लामा की मृत्यु के बाद भी दलाई लामा की संस्था जारी रहे।
तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा के उत्तराधिकारी को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही है। अब दलाई लामा इस बात पर सहमत हो गए हैं कि उनका उत्तराधिकारी चुना जाना चाहिए।
अब तक दलाई लामा की नियुक्ति तिब्बत में जन्मे किसी बच्चे को खोजकर की जाती रही है, लेकिन इस बार मामला पेचीदा है। 14वें दलाई लामा ने संकेत दिया है कि उनका उत्तराधिकारी चीन के बाहर के किसी स्वतंत्र देश में चुना जाएगा।
ऐसी अटकलें हैं कि नया दलाई लामा भारत में जन्मा कोई तिब्बती बौद्ध बालक हो सकता है। अगर ऐसा होता है, तो यह तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन के लिए एक बड़ा संदेश होगा और चीन के प्रभाव को कमजोर करेगा। 14वें दलाई लामा ने साफ किया है कि चीन को यह अधिकार नहीं होगा ।
जुलाई में घोषणा
14वें दलाईलामा के अनुसार, जुलाई में उनके उत्तराधिकारी की औपचारिक घोषणा की जा सकती है। तिब्बती बौद्ध परंपरा के अनुसार, जब दलाई लामा शरीर त्यागते हैं, तो उनका नया अवतार खोजा जाता है।
आमतौर पर यह खोज तिब्बत में ही होती है, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए इस बार मामला अलग नजर आ रहा है।