चम्बा – भूषण गुरुंग
एक तरफ सरकार बेहतर शिक्षा देने के दावे कर रही है, दूसरी ओर जिला चंबा में प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक का पद जुगाड़ के सहारे चलाया जा रहा है। इससे कार्यालय की व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
जिस अधिकारी को सरकार ने अतिरिक्त चार्ज दिया है, वह भी एक स्कूल में बतौर प्रधानाचार्य तैनात हैं। ऐसे में एक अधिकारी पर दो-दो जगह का कार्यभार होने से कार्य का बोझ बढ़ गया है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2022 में चंबा में करीब डेढ़ साल तक स्थायी प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक के पद पर सुरेश कुमार शर्मा कार्यरत रहे। उसके बाद यह पद खाली हो गया है। करीब आठ माह तक यह पद खाली रहा। इसे प्रतिनियुक्ति पर चलाया गया।
अगस्त के अंतिम तीन दिन के लिए एक महिला को स्थायी प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक के पद पर भेजा गया। 31 अगस्त को वह सेवानिवृत्त हो गईं और यह पद फिर से खाली हो गया। कुछ समय तक अतिरिक्त चार्ज उच्च शिक्षा उपनिदेशक को दिया गया।
इसके बाद कार्यवाहक प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक का ज्ञान चंद को सौंपा गया। तब से यह पद जुगाड़ के सहारे चलाया जा रहा है। बहरहाल, स्थायी अधिकारी न होने के कारण व्यवस्था प्रभावित हो रही है। साथ ही अधिकारी निरीक्षण के लिए स्कूल में भी नहीं जा पा रहे हैं।
विधायक नीरज नैय्यर के बोल
उधर, सदर विधायक नीरज नैय्यर ने कहा कि यह मामला उनके ध्यान में लाया गया है। जल्द ही सरकार के समक्ष यह मामला प्रस्तुत किया जाएगा और बिना विलंब अधिकारी का पद भरा जाएगा।