मंडी – अजय सूर्या
केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा पंडोह स्थित क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं अनुसंधान संस्थान में क्षार कर्मा पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इसमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा से आए गुदा रोग विशेषज्ञों ने हिमाचल प्रदेश के 60 आयुर्वेद चिकित्सकों को क्षार कर्मा तकनीक से बवासीर और भगंदर सहित अन्य गुदा रोगों के सफल ईलाज के बारे में संपूर्ण जानकारी दी।
क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान पंडोह के सहायक निदेशक डा. राजेश संड ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय सेमिनार एवं कार्यशाला में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा जयपुर के एचओडी डा. पी. हेमंत कुमार और पतंजलि के एचओडी डा. सचिन गुप्ता ने क्षार कर्मा से उपचार की विस्तृत जानकारी दी है।
दो दिवसीय सेमिनार के दौरान क्षार कर्मा विधि से ही 18 ऑपरेशन भी किए गए हैं। सेमिनार एवं कार्यशाला में आए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा जयपुर के एचओडी से गुदा रोग विशेषज्ञ डा. हेमंत कुमार ने बताया कि वे अभी तक 20 हजार से ज्यादा सफल ऑपरेशन कर चुके हैं।
क्षार कर्मा आयुर्वेद की लेटेस्ट तकनीक है जिसके माध्यम से बहुत ही कम समय में ऑपरेशन हो जाता है और भविष्य में फिर कभी गुदा रोग यानी बवासीर और भगंदर आदि के होने की संभावना भी नहीं रहती। इन्होंने लोगों से गुदा रोग से संबंधित सभी प्रकार का उपचार आयुर्वेद के माध्यम से ही करवाने की अपील की है।
दो दिवसीय सेमिनार एवं कार्यशाला में विशेषज्ञों ने क्षार कर्मा तकनीक से लोगों के निशुल्क ऑपरेशन भी किए और प्रदेश के चिकित्सकों को इस तकनीक की प्रेक्टिकल जानकारी भी दी। ऑपरेशन करवा चुके कृष्ण सैनी और राजेंद्र सिंह राजा ने बताया कि वे ऑपरेशन के बाद बेहतर अनुभव कर रहे हैं।