कोरोना की तीसरी लहर से बच्‍चों को बचाने के लिए कब शुरू होगा उनका टीकाकरण, सरकार ने दिया यह जवाब

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देश में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के अब तक 48 मामले सामने आ चुके हैं। यही वजह है कि टीकाकरण अभियान तेजी से चलाया जा रहा है। कोरोना की तीसरी लहर से बच्‍चों को बचाने के लिए उनका टीकाकरण कब शुरू होगा इस पर जानें सरकार का जवाब…

 

व्यूरो, रिपोर्ट 

 

देश में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडराने लगा है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बताया कि देश में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के अब तक 48 मामले सामने आ चुके हैं। यही वजह है कि टीकाकरण अभियान तेजी से चलाया जा रहा है।

 

कोरोना की तीसरी लहर से बच्‍चों को बचाने के लिए उनका टीकाकरण कब शुरू होगा इस पर सरकार का कहना है कि जब तक उसके पास बच्चों के टीकाकरण पर भरपूर डेटा उपलब्‍ध नहीं हो जाता तब तक बड़े पैमाने पर बच्चों के टीकाकरण करने की स्थिति नहीं बन पाएगी

 

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ. एसके सिंह ने कहा कि देश में अभी डेल्टा प्लस वेरियंट के मामले काफी कम पाए गए हैं। देश में अब तक डेल्टा प्लस वेरियंट की संख्या 48 है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा है।

 

बीते 24 घंटे में ही करीब 60,73,000 वैक्सीन की डोज दी गई। चूंकि कोरोना अभी गया नहीं है और देश में प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है। ऐसे में एहतियात जरूरी है… लोग मास्क पहने रखें।

 

कोरोना की तीसरी लहर से बच्‍चों को बचाने के लिए उनका टीकाकरण कब होगा इस पर आईसीएमआर के डीजी बलराम भार्गव ने कहा कि एक ही देश है जो इस समय बच्चों को वैक्सीन दे रहा है।

 

 

क्या बहुत छोटे बच्चों को कभी टीके की आवश्यकता होगी यह अभी भी एक बड़ा सवाल है। जब तक हमारे पास बच्चों के टीकाकरण पर भरपूर डेटा उपलब्‍ध नहीं होगा हम बड़े पैमाने पर बच्चों का टीकाकरण करने की स्थिति में नहीं होंगे.

 

बलराम भार्गव ने यह भी कहा कि इस वायरस का कल्‍चर कर दिया गया है। हम वही परीक्षण कर रहे हैं जो अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा के लिए किया है। टीके के प्रभाव की जांच के लिए प्रयोगशाला परीक्षण जारी हैं। हमें लगभग सात से 10 दिनों में परिणाम मिलने की उम्‍मीद है।

 

हमने 2 से 18 साल की उम्र के बच्चों पर एक छोटा अध्ययन शुरू किया है। हमारे पास इसके नतीजे सितंबर या उसके बाद उपलब्‍ध होंगे। वहीं अंतरराष्ट्रीय जूरी भी बहस कर रहे हैं कि क्या बच्चों को टीकाकरण की आवश्यकता है या नहीं। अमेरिका में बच्‍चों में इसकी कुछ जटिलताएं देखी गई हैं।

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