मेडिकल कॉलेज नेरचौक नाम का ही मेडिकल कॉलेज: कुशल कुमार सकलानी, मरीजों की नहीं ली जाती कोई सुध, कैंसर के अंतिम स्टेज पर बीमारी से जूझ रहा गागल का युवक बना व्यवस्था का शिकार, दिव्यांगजनों के कानूनी सलाहकार कुशल कुमार सकलानी ने उठाई कार्रवाई की मांग।
नेरचौक/मंडी – अजय सूर्या
मेडिकल कॉलेज नेरचौक में कैंसर की लड़ाई से अंतिम स्टेज पर लड़ रहा बल्ह विधानसभा क्षेत्र के गागल का एक युवक पसरी अव्यवस्थाओं का शिकार होकर रह गया है। इस बात का दिव्यांगजनों के कानूनी सलाहकार एवं मुख्य समाजसेवी कुशल कुमार सकलानी ने कड़ा संज्ञान लिया है।
उन्होंने कहा है कि यह युवक कैंसर की अंतिम स्टेज पर है और मेडिकल कॉलेज नेरचौक में हर दिन पानी निकालना और विटामिन लेने के लिए लाया जाता है। लेकिन यहां पर दिव्यांग जनों और इस तरह की बीमारी से ग्रस्त मरीजों के लिए तमाम तरह की सुविधा धरातल पर शून्य नजर आई है।
ना तो दिव्यांग जनों के लिए मेडिकल कॉलेज में कोई अलग से पर्ची की काउंटर स्थापित करने की व्यवस्था की गई है और ना ही इमरजेंसी वार्ड में तमाम तरह की सुविधा नजर आई है ।इतना ही नहीं बल्कि मेडिकल कॉलेज के शौचालय भी अपनी दयनीय स्थिति को बयां कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस तरह से पीडब्ल्यूडी एक्ट 2016 के तहत दिव्यांगों के लिए किए गए प्रावधान के सरेआम धज्जियां कॉलेज प्रबंधन उड़ाता नजर आया है। जिसके लिए उन्होंने देश के प्रधानमंत्री केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वास्थ्य मंत्री सहित स्वास्थय विभाग के निदेशक से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाने की अपील की है।