पालमपुर, राजीव जस्वाल
एक बेटी उत्तर प्रदेश के गांव में जन्म लेती है, उसकी शादी बिहार के गांव में होती है और पालमपुर के सुग्घर में उसका पति ही उसकी हत्या कर देता है। उसके बाद हत्यारोपी पति की भी मौत हो जाती है। इस दंपत्ति के तीन वर्ष के बेटे और डेढ़ वर्ष की बेटी को यह आभास भी नहीं है कि नियति ने उनके साथ क्या खेल खेला है।
अनाथ हुए दोनों बच्चों को शिमला भेज दिया जाता है। मृतका के मायके उत्तर प्रदेश के खुशनगर में हैं और एक गरीब परिवार से संबंध रखती थी। परिजनों को हादसे का पता चलता है और मजदूरी करने वाला गरीब बाप कर्जा उठाकर अपने कुछ साथियों के साथ बेटी के अंतिम संस्कार को पालमपुर पहुंचता है। पालमपुर नगर निगम के सुग्घर वार्ड में बीते दिनों एक 25 वर्षीय प्रवासी महिला रिंकी देवी की मौत हो जाती है।
जांच के बाद पुलिस उसके पति बिहार के चंपारण निवासी नागेंद्र यादव को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लेती है। उसी शाम नागेंद्र की तबीयत बिगड़ जाती है और उसको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया जाता है, लेकिन उसकी भी मौत हो जाती है।
रिंकी देवी के पिता जीवन प्रसाद अपने कुछ लोगों के साथ पालमपुर पहुंचे और गुरुवार को शनि सेवा सदन प्रमुख परविंद्र भाटिया की देखरेख में दोनों का अंतिम संस्कार करवाया गया। रिंकी के पिता ने बताया कि वह बहुत गरीब है और बेटी के अंतिम संस्कार के लिए लोगों से कर्जा लेकर यहां पहुंचा है। हालांकि यहां पर अंतिम संस्कार की सारी व्यवस्था शनि सेवा सदन की ओर से की गई।
साथ लेकर जाएंगे बेटी की निशानी
रिंकी के पिता ने बताया कि वह अपनी बेटी के दोनों बच्चों को अपने साथ लेकर जाएंगे और उनकी परवरिश करेंगे। उन्होंने पुलिस से दोनों बच्चों को शिमला से बुलाकर उनको सौंपने को कहा है, ताकि वह उनको साथ लेकर वापिस जा सकें। शनि सेवा सदन ने बच्चों की आगे की परवरिश के लिए आर्थिक सहायता जारी रखने की बात कही है।

