सिरमौर – नरेश कुमार राधे
पसीने की स्याही से जो लिखते हैं इरादें को, उनके मुकद्दर के सफ़ेद पन्ने कभी कोरे नहीं होते।” यह साबित कर दिखाया शिलाई विधानसभा क्षेत्र के बांबल गांव के प्रताप ठाकुर के घर जन्मे 30 वर्षीय ओम प्रकाश ठाकुर ने। किसान परिवार से संबंध रखने वाले ओम प्रकाश ने बिना कोचिंग के कड़ी मेहनत व परिश्रम के दम पर पहले ही प्रयास में लेक्चरर इंग्लिश की परीक्षा पास कर परिवार व क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
ओम प्रकाश ठाकुर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा आठवीं तक टिम्बी स्कूल से प्राप्त की और 12वीं तक की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शिलाई से पूरी की। इसके बाद उन्होंने नाहन कॉलेज से स्नातक (बीए) की डिग्री हासिल की। ओपी के पिता प्रताप ठाकुर पेशे से किसान हैं, जबकि माता बिमला देवी गृहणी है। ओपी ठाकुर की उपलब्धि से माता-पिता ख़ुशी से फूले नहीं समां रहे हैं। ओपी ने अपनी सफलता का श्रेय पिता व माता समेत शिक्षकों को दिया है।
खेलों में भी दिखाई प्रतिभा
ओम प्रकाश न केवल पढ़ाई में अव्वल रहे हैं, बल्कि वॉलीबॉल और क्रिकेट में भी उनकी शानदार प्रदर्शन क्षमता ने उन्हें लोकप्रिय बनाया। स्कूल और कॉलेज के दिनों में वॉलीबॉल और क्रिकेट के प्रति उनकी रुचि ने उन्हें खेल जगत में एक अलग पहचान दिलाई।
उन्होंने वॉलीबॉल में स्टेट लेवल तक अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। मैदान पर जहां भी खेलते गए, उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। ओम प्रकाश का खेलों का यह सफर चंद घंटों की पारी से शुरू होकर आज एक लंबी सफलता की कहानी में तब्दील हो गया है।
युवाओं को प्रेरणा का संदेश
ओम प्रकाश ने युवाओं को प्रेरणा देते हुए कहा कि नशे से दूर रहें और अपने लक्ष्य का निर्धारण कर पूरी निष्ठा और मेहनत से उसे पाने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि इतनी मेहनत करें कि प्रकृति भी आपको सफलता देने के लिए मजबूर हो जाए।” उनकी यह सोच और प्रयास युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं।
ओम प्रकाश ठाकुर का यह सफर यह साबित करता है कि कड़ी मेहनत, लगन, और सही दिशा में किए गए प्रयास किसी भी सपने को हकीकत में बदल सकते हैं। उनकी सफलता न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे जिले के लिए गर्व की बात है।