मंडी – अजय सूर्या
हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी परिसर में एथनिक फ़ूड को लेकर देग नामक रेस्ट्रोरेंट का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर केव लेडी के नाम से मशहूर ब्रिटिश मूल की नन तेनजिन पाल्मो ने रेस्ट्रोरेंट का विधिविधान से शुभारभ किया ।
इस अवसर पर तेनजिन ने बताया कि उनका जन्म 1993 में लंदन में हुआ। जब वे 20 वर्ष के थे 1964 में महामहिम दलाई लामा के संपर्क में आई और बौद्ध धर्म को स्वीकार करते हुए नन बन गई।
उन्होंने बताया कि दलाई लामा ने उन्हें बौद्ध धर्म की शिक्षा ग्रहण करने के लिए लाहौल स्पीति भेजा। जहां वे 6 वर्ष तक रही। इस दौरान उन्होंने गुफाओं के बारे में सुना और वे एक गुफा में 12 वर्ष तक रही। जिसके पश्चात उन्हें केव लेडी के नाम से जाना जाने लगा ।
इसके पश्चात 1990 में रे एक धर्मशाला सेट मोनेस्ट्री में रहने लगी। इस दौरान उन्होंने महिलाओं की शिक्षा पर विशेष कार्य किया। उन्होंने बताया कि किन्नौर लाहौल स्पीति आदि क्षेत्रों से आने वाली अशिक्षित होती थी। जिन्हें शिक्षित करने का कार्य उन्होंने पालमपुर में किया।
तेनजिन का मानना है कि शिक्षा ही सही मायने में महिलाओं की आवाज है। महिलाओं की शिक्षा के लिए समाज को भी आगे आना चाहिए। मंडी के बारे में तेनजिन ने बताया कि यह एक आध्यात्मिक नगरी है।
लाहौल स्पीति आते जाते समय वह मंडी शहर से गुजरते रहे हैं। कुछ समय पूर्व वह मंडी के मशहूर सांस्कृतिक कर्मी रमन बिष्ट के संपर्क में आई और उन्हीं की वजह से मंडी के कई प्राचीन मंदिरों के दर्शन करने का अवसर मिला। जिसकी वजह से यह एक विशेष स्थान है।
उनका कहना है कि मंडी शुरू से ही बौद्ध धर्म का केंद्र रहा है। तिब्बती भाषा में इसे जोहार के नाम से जाना जाता है। बौद्ध लामा पदम सम्भव की या क्षेत्र कर्म स्थली रहा है।
इस अवसर पर देव रेस्टोरेंट के मालिक रमन बिष्ट और युक्तेश्वर बिष्ट ने कहा कि इस रेस्टोरेंट में मंडली भोजन जो कि लुप्त हो रहा है उसे परोसा जाएगा। इसके अलावा हिमाचल के व्यंजन भी पर्यटकों के लिए उपलब्ध रहेंगे।