एकतरफ कुदरत का कहर, दूसरी तरफ किसान मेले का आयोजन; पुलिस बोली-आपदा से निपटे या वहां दें ड्यूटी

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सदर विधानसभा के कोटली उपमंडल की कसाण पंचायत में 24 अगस्त तक आयोजित होने वाले किसान मेले को लेकर पुलिस प्रशासन ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मंडी पुलिस आपदा से निपटे या फिर मेलों में ड्यूटी दें। मंडी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर चंद्र शर्मा ने कुदरत के कहर के समय आयोजित होने वाले मेले को अपराधिक नासमझी करार दिया है।

मंडी – अजय सूर्या

मंडी पुलिस आपदा से निपटे या फिर मेलों में ड्यूटी दें। यह बात लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है। जिला गंभीर आपदा से जूझ रहा है। मुख्य मार्गों सहित करीब 300 संपर्क मार्ग बाधित है। बिजली पानी,दूरसंचार सेवाएं अस्त व्यस्त है। यातायात व्यवस्था संभालना पुलिस के लिए पहाड़ जैसी चुनौती बना है।

मेले का आयोजन है आपराधिक नासमझी- पुलिस

वीआइपी और वीवीआइपी मूवमेंट राहत एवं बचाव कार्यों में और व्यवधान पैदा हो रहा है। ऐसे में सदर विधानसभा के कोटली उपमंडल की कसाण पंचायत में 24 अगस्त तक आयोजित होने वाले किसान मेले को लेकर पुलिस प्रशासन ने सवाल उठाए हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मंडी सागर चंद्र शर्मा ने इसे अपराधिक नासमझी करार देते हुए प्रशासन से मेलों के आयोजन पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

मेले के लिए की गई पुलिस ड्यूटी की मांग

आपदा की इस घड़ी में पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण में दिन रात कार्य करने की आवश्यकता है। आपदा इतनी बड़ी है कि अकेले इससे निपटना प्रशासन के बस की बात नहीं है। इसमें जनसहयोग जरूरी है। किसान मेले में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हो रहा है। समापन पर एक मंत्री को बुलाया गया है। कानून व्यवस्था संभालने के लिए आयोजक पुलिस बल की मांग कर रहे हैं,जबकि स्थिति यह है कि आपदा में पुलिस अधीक्षक कार्यालय का लिपिक स्टाफ भी फील्ड में ड्यूटी दे रहा है।

जिला भर में पुलिस के 800 जवान और अधिकारी

जिले के दस विधानसभा क्षेत्रों में महिला थाना को मिलाकर कुल 15 थाने और 17 पुलिस चौकियां हैं। इनमें 800 के करीब जवान और अधिकारी तैनात हैं। विभिन्न कार्यालयों के स्टाफ को मिलाकर संख्या 955 बनती है। 120 के करीब जवान तीन प्रमुख मार्गों पर यातायात व्यवस्था संभालने में लगे हुए हैं। एसडीआरएफ के 20 जवान और पंडोह बटालियन के 20 जवान राहत एवं बचाव कार्यों में हाथ बंटा रहे हैं।

आपदा से निपटने में जुटी पुलिस

पुलिस मुख्यालय से 100 जवानों की मांग की गई थी। मिले मात्र 20 जवान। हर विधानसभा क्षेत्र में पुलिस जवान आपदा से निपटने में लगे हुए हैं। मंडी कटौला कमांद मार्ग पर 65 पुलिस जवान और डीएसपी रैंक का अधिकारी तैनात है। मंडी पंडोह मार्ग का जिम्मा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संभाल रहे हैं।

आपदा के बजाय मेले में लगानी पड़ रहे ऊर्जा एवं संसाधन

पुलिस व अन्य विभागों को आपदा के बजाय अपनी ऊर्जा और संसाधन मेले में लगाने पड़ रहे हैं। इसका असर राहत एवं बचाव कार्यों पर पड़ रहा है। जिले में अभी सात लोग लापता हैं। उनकी तलाश में भी सर्च अभियान चल रहा है। सभी विभागों में स्टाफ की कमी है। काम का दबाव अधिक है। ऐसे में मेलों के आयोजन पर प्रश्न चिन्ह लगाना स्वाभाविक है।

नाच गाना करना उचित नहीं

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मंडी के सागर चंद्र शर्मा ने कहा कि पूरा जिला गंभीर आपदा से जूझ रहा है। ऐसे में मेला का आयोजन और नाच गाना करना उचित नहीं है। मेलों के आयोजन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

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