शिमला – रजनीश ठाकुर
विधानसभा की सदस्यता खत्म होने के बाद कांग्रेस के छह बागी विधायकों के पास अब सिर्फ दो विकल्प रह गए हैं या तो विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को कोर्ट में चुनौती दें या फिर लोकसभा चुनाव के साथ उपचुनाव लड़ें। ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि गुरुवार को ही विधानसभा सचिवालय ने उनकी सीटों को खाली घोषित कर दिया है।
इसकी सूचना निर्वाचन आयोग को भी भेज दी है, क्योंकि लोकसभा के आम चुनाव का शेड्यूल अभी नहीं आया है। इसलिए इस चुनाव के साथ भी इन छह सीटों पर अब उपचुनाव हो सकता है।
गुरुवार शाम को विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। सभी सीटों को 29 फरवरी से खाली किया गया है। इससे पूर्व गुरुवार को ही सभी छह बागियों को अयोग्य करार देने का फैसला विधानसभा अध्यक्ष ने दिया था। इसके बाद शाम को सीटों के खाली होने की अधिसूचना भी जारी कर दी गई।
जिन विधानसभा सीटों को खाली घोषित किया गया हैं, उनमें विधानसभा क्षेत्र 18 धर्मशाला, विधानसभा क्षेत्र 21 लाहुल-स्पीति, विधानसभा क्षेत्र 37 सुजानपुर, विधानसभा क्षेत्र 39 बड़सर, विधानसभा क्षेत्र 42 गगरेट और विधानसभा क्षेत्र 45 कुटलैहड़ शामिल हैं।
गौरतलब है कि सत्ता पक्ष की ओर से सत्र के दौरान कटौती प्रस्ताव और बजट पारित करने के दौरान व्हिप जारी किया गया था। इस दौरान सभी 40 विधायकों को सदन में मौजूद रहने के निर्देश दिए गए थे। विधानसभा में जो शिकायत हुई, उसमें यह कहा गया कि छह विधायक गैर हाजिर थे।
धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, लाहुल-स्पीति से रवि ठाकुर, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्टो को लेकर शिकायत दी गई थी और इस शिकायत के आधार पर ही बुधवार को दो चरणों में सुनवाई पूरी की गई और इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
गुरुवार को इन सभी की सदस्यता रद्द कर दी गई। सदस्यता रद्द होने के बाद शाम को सीटों के खाली होने के संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।