धर्मशाला – हिमखबर डेस्क
विजिलेंस ब्यूरो ने चार आयुर्वेद डॉक्टरों के खिलाफ फर्जी ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर) प्रमाणपत्र के जरिये नौकरी हथियाने के आरोप में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
बता दें कि चारों को आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी के तहत आयुर्वेद डॉक्टर की नौकरी मिली थी। विजिलेंस ने यह केस धर्मशाला विजिलेंस ब्यूरो की जांच-पड़ताल की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया है।
जानकारी के अनुसार कांगड़ा जिले के बैजनाथ निवासी एक महिला ने आरोप लगाया था कि आयुर्वेदिक विभाग में कुछ डाॅक्टरों ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का फर्जी प्रमाणपत्र तैयार करके आयुर्वेदिक डॉक्टर की नौकरी प्राप्त की है।
इस संबंध में उन्होंने धर्मशाला ब्यूरो में शिकायत पत्र भी सौंपा था। धर्मशाला ब्यूरो की तरफ से जांच पड़ताल की गई और आयुष विभाग से संबंधित रिकॉर्ड लिया। वर्ष 2022 में दो नोटिफिकेशन के तहत कुल 11 आयुर्वेदिक डॉक्टरों की नियुक्ति होना पाया गया।
दोनों अधिसूचनाओं के अनुसार कुल 14 आयुर्वेदिक डॉक्टर ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र के आधार पर नियुक्त हुए। इनमें जिला कांगड़ा से पांच, जिला हमीरपुर से चार, जिला मंडी से चार और जिला बिलासपुर से एक ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र जारी हुआ।
इस मामले में जिला मंडी के चार उम्मीदवारों के ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र की जांच संबंधित तहसीलदारों के माध्यम से करवाई गई तो पाया गया कि प्रमाण पत्र फर्जी हैं।
इस पर विजिलेंस मंडी ने टिहरा, छतरी, चुराग और हीरानगर के चार लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 465, 467, 468, 471 के तहत केस दर्ज किया है।