शिमला – नितिश पठानियां
शिमला में इस साल गर्मियों में प्रदेश के जंगलों में लगी भयंकर आग के कारण असंख्य जीव-जन्तु व बरसात में प्रदेश में आई बाढ़ और भूस्खलन, अतिवृष्टि से अनायास ही काल का ग्रास बने लोगों की मोक्ष प्राप्ति के लिए शिमला में पहली बार पुरश्चरण महायज्ञ धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन होने जा रहा है।
रोजाना 3 लाख से ज्यादा बार होगा गायत्री मंत्र का जाप
शिमला के तारादेवी स्थिति प्राचीन काली माता मंदिर व शिव शक्ति धाम मंदिर कमेटी की ओर से यह धार्मिक अनुष्ठान करवाया जा रहा है। इसमें रोजाना 3 लाख से ज्यादा बार गायत्री मंत्र का जाप होगा, साथ ही मोक्ष प्राप्ति के लिए श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा।
21 से 28 अक्तूबर तक यह अपनी तरह का प्रदेश में पहला धार्मिक अनुष्ठान होने जा रहा है, जिसमें जीव-जन्तुओं व लोगों की मोक्ष प्राप्ति के लिए 24 लाख बार गायत्री मंत्र जाप 7 दिनों तक होगा।
यह धार्मिक अनुष्ठान राजधानी से 14 किलोमीटर दूर तारादेवी स्थित प्राचीन काली माता मंदिर के साथ लगते श्री बडमू देवता के तरूण्डू मैदान में आयोजित होगा। रोजाना 101 ब्राह्मणों द्वारा वैदिक कर्मकांडी द्वारा शास्त्रीय विधि से गायत्री मंत्र जाप किया जाएगा।
कलश यात्रा से होगा भागवत महापुराण का आरंभ
इस धार्मिक अनुष्ठान में क्योंधल स्टेट के राज पंडित जितेंद्र शास्त्री (शोपी वाले) की अध्यक्षता में पुराण परायण होगा तथा वही श्रीमद् भागवत कथामृत पान करवाएंगे। कार्यक्रम 21 अक्तूबर को सुबह 11 बजे से भागवत महापुराण का आरंभ कलश यात्रा से होगा। इसके बाद पूजन पाठ प्रारंभ होगा।
22 से 27 अक्तूबर तक रोजाना सुबह 6 बजे से 12 बजे तक पूजन एवं मूल पाठ होंगे। सुबह 8 बजे से 12 बजे तक रोजाना गायत्री हवन होगा। इसके बाद दोपहर डेढ़ बजे से साढ़े तीन बजे तक कथा प्रवचन कार्यक्रम होगा।
इसके बाद शाम चार बजे से रोजाना भंडारा होगा। मंदिर कमेटी के सदस्यों सुशील शर्मा, सुरेंद्र ठाकुर और ओमप्रकाश ने लोगों से इसमें सम्मिलित होने की अपील की है।