आंगनबाड़ी वर्करज़ एवम हैल्परज़ यूनियन ने मांगों को लेकर निकाली रैली

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शिमला – नितिश पठानियां

आंगनबाड़ी वर्करज़ एवम हैल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू की ठियोग प्रोजेक्ट इकाई ने अपनी मांगों को लेकर पोटेटो ग्राउंड ठियोग से बस स्टैंड तक रैली निकाली। बस स्टेंड ठियोग पर हुई जनसभा को सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिला महासचिव अजय दुलटा, विवेक कश्यप, यूनियन अध्यक्षा रीना देवी, मीरा देवी, उषा देवी, गंगेश्वरी देवी, वीना देवी, सुरजा देवी, रोशनी देवी, ममता देवी आदि ने संबोधित किया।

रैली के बाद मिनी आंगनबाड़ी के छः महीने के लंबित वेतन, केंद्र किराए, मिनी आंगनबाड़ी को अपग्रेड करने, अन्य आंगनबाड़ी कर्मियों के समय पर वेतन भुगतान सहित अन्य मुद्दों पर बारह सूत्रीय मांग पत्र को लेकर यूनियन का प्रतिनिधिमंडल एसडीएम ठियोग से मिला व उन्हें मांग पत्र सौंपा। यूनियन ने एलान किया है कि अगर मांगों का समाधान न हुआ तो यूनियन आंदोलन तेज करेगी।

वक्ताओं ने प्री प्राइमरी में सौ प्रतिशत नियुक्ति, इस नियुक्ति में 45 वर्ष की शर्त खत्म करने, सुपरवाइजर नियुक्ति के लिए भारतवर्ष के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्विद्यालय की डिग्री को मान्य करने, वरिष्ठता के आधार पर मेट्रिक व ग्रेजुएशन किये कर्मियों की सुपरवाइजर में तुरन्त भर्ती करने, सरकारी कर्मचारी के दर्जे, हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन व वरिष्ठता लाभ देने, पंजाब की तर्ज़ पर मेडिकल सहित अन्य छुट्टियां देने, रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष करने, सभी मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को अपग्रेड करके पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्र का दर्ज़ा देने, वर्दी के लिए उचित आर्थिक सहायता देने, मोबाइल रिचार्ज व स्टेशनरी की सुविधा देने, मेडिकल अथवा बीमारी के दौरान वेतन काटने पर रोक लगाने, पोषण ट्रेकर ऐप की दिक्कतों को दूर करने की मांग तथा नन्द घर बनाने की आड़ में आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करके निजीकरण की साज़िश तथा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, पोषण ट्रैकर ऐप व तीस प्रतिशत बजट कटौती के मुद्दे पर आंगनबाड़ी कर्मियों से मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज करने का आह्वान किया।

उन्होंने केंद्र सरकार को चेताया है कि अगर आईसीडीएस का निजीकरण किया गया व आंगनबाड़ी वर्करज़ को नियमित कर्मचारी घोषित न किया गया तो आंदोलन और तेज़ होगा। आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करने के लिए नंद घर की आड़ में निजीकरण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस से भविष्य में कर्मियों को रोज़गार से हाथ धोना पड़ेगा।

उन्होंने केंद्र सरकार से वर्ष 2013 में हुए पेंतालिसवें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित करने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि मिनी आंगनवाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी का दर्जा दिया जाए। मिनी आंगनबाड़ी कर्मियों को पूर्ण आंगनबाड़ी कर्मियों के बराबर वेतन दिया जाए। उनके लिए छुट्टियों की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।

उन्होंने मांग की है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाएं। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए पेंशन,ग्रेच्युटी,मेडिकल व छुट्टियों की सुविधा लागू करने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा आंगनबाड़ी वर्करज़ को दिया जाए क्योंकि वे काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं।

इसकी एवज़ में उनका वेतन बढाया जाए व उन्हें नियमित किया जाए। चुनाव ड्यूटी लगाने पर इंसेंटिव दिया जाए। आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज के खाली पदों को तुरंत भरा जाए। आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज से अतिरिक्त काम का डबल भुगतान किया जाए।

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