सिरमौर – नरेश कुमार राधे
अमेरिका जाने के सपने ने हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के नाहन विकास खंड के एक युवक को जीवन की सबसे भयानक हकीकत से सामना करवा दिया। हरियाणा की सीमा पर गुमटी गांव का 20 वर्षीय रितेश बी फार्मा का छात्र था। बदकिस्मती से वो एक एजेंट के झांसे में आकर अमेरिका (USA) जाने के लिए निकला था, जिसके दिखाए गए सपने केवल सपने ही रह गए। लेकिन यह सफर उसके लिए यातना, अपहरण और भारी मानसिक तनाव का कारण बन गया।
रितेश के पिता शमशेर सिंह के मुताबिक छुट्टियों के दौरान जब उनका बेटा ट्रैक्टर पर काम कर रहा था, इसी दौरान एक एजेंट ने उसे विदेश में नौकरी का लालच दिया। एजेंट ने दावा किया कि एक विदेशी दवा कंपनी दो योग्य मेडिकल छात्रों की तलाश कर रही है। भरोसा दिलाने के बाद परिजनों ने रितेश को 23 अगस्त 2024 को मुंबई भेज दिया। वहां एजेंट ने बताया कि वर्क वीजा लग चुका है और जल्द ही अमेरिका भेजा जाएगा।
भयावह सफर: यातना और अपहरण
यह सफर नौकरी की ओर नहीं, बल्कि एक जाल में फंसाने की साजिश थी। इसके बाद रितेश को कई देशों में घुमाया गया और यातनाएं दी गईं। उसकी रिहाई के लिए लगातार पैसे की मांग की जाने लगी। पहले 20 लाख रुपये, फिर 10 लाख, 7 लाख, 3 लाख और आखिर में 5 लाख रुपये की मांग की गई। रितेश के परिजनों ने अपनी जमा पूंजी, रिश्तेदारों से उधार और बैंक से लोन लेकर पैसे जुटाए और हरियाणा के नारायणगढ़ में एजेंट को दे दिए।
अमेरिका में हिरासत और भारत वापसी
25 जनवरी को जब रितेश अमेरिका पहुंचा, तो कस्टम्स और बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) ने उसे हिरासत में ले लिया। इसके बाद उसे भारत वापस भेज दिया गया। वह फिलहाल रोपड़ में अपने रिश्तेदारों के पास सुरक्षित है और उसने परिजनों को बताया कि वापसी के दौरान उसे किसी तरह की परेशानी नहीं हुई।
पुलिस अधीक्षक एनएस नेगी के बोल
सिरमौर पुलिस अधीक्षक एनएस नेगी ने कहा कि मामले की जानकारी सरकार को दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि सरकार के आदेश के मुताबिक युवक को लाने के लिए अमृतसर एयरपोर्ट विशेष वाहन भेजा गया था। बीती देर रात युवक को तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।