केंद्र सरकार प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत तीन किस्तों में देगी आर्थिक मदद।
शिमला – नितिश पठानियां
प्रदेश की गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली माताओं को अब केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री केंद्रीय मातृत्व वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग (डब्ल्यूसीडी) की ओर से लागू किया गया है। पहले सभी जिलों में ये योजना लागू नहीं थी, लेकिन अब पूरे प्रदेश की महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा।
इससे पहले हालांकि विभिन्न योजनाओं जिसमें जननी सुरक्षा जैसी योजनाएं शामिल है उसमें दो से तीन हजार की आर्थिक मदद मिलती थी, लेकिन अब इस योजना में पांच हजार की राशि मिलेगी।
योजना के लाभ की राशि डीबीटी के माध्यम से तीन किस्तों में महिलाओं के बैंक खाते में सीधे भेजी जाएगी।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना से महिलाओं के नुकसान की भरपाई इस योजना से हो पाएगी।
योजना का मकसद काम करने वाली महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा देना, उनके उचित आराम और पोषण को सुनिश्चित करना है।
योजना का लाभ उठाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा या पास के सरकारी अस्पताल में संपर्क करना होगा। सरकार की तरफ से योजना के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
महिला बाल विकास विभाग की ओर से ब्लॉकवार सभी को प्रशिक्षण देने के बाद इनको फॉर्म भी दिए गए हैं, जिन्हें लाभार्थी को लाभ दिलाने के लिए भरने के निर्देश दिए गए हैं।
150 दिन में करवाना होगा पंजीकरण
गर्भावस्था पंजीकरण एलएमपी की तारीख से 150 दिनों के अंदर होना चाहिए। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्र या निकटतम स्वीकृत स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में पंजीकरण करवाया जा सकता है।
पंजीकरण के लिए आवेदन पत्र सीधे आंगनबाड़ी केंद्रों या स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों पर नि:शुल्क मिलेंगे। आवेदन पत्र महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट से भी डाउनलोड किया जा सकता है।
5000 रुपए की गर्भावस्था सहायता राशि के दावे के लिए भरे हुए आवेदन फॉर्म को उसी आंगनबाड़ी केंद्र या स्वास्थ्य सुविधा केंद्र में जमा करना होगा।
तीन किस्तों में मिलेंगे पैसे
पहली किस्त 1000 रुपए गर्भावस्था के पंजीकरण के समय मिलेगी। दूसरी किस्त छह महीने की गर्भावस्था के बाद कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच कर लेते हैं तो 2000 रुपए मिलेंगे।
जबकि तीसरी किस्त 2000 रुपए जब बच्चे का जन्म पंजीकृत हो जाता है और बच्चे को बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी व हेपेटाइटिस सहित अन्य टीके लगते हैं।