हिमखबर डेस्क
अटारी से लेह को जोड़ने वाला, वहीं सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण नेशनल हाईवे 03 आये दिन सुर्खियों में रहता है। यहां बता दे कि एनएच का कुछ हिस्सा हमीरपुर व सरकाघाट से होकर भी गुजरेगा। जिसका काम जोर शोर से चला हुआ है।
शुरू से ही सर्वे, अलाइनमेंट, निर्माण, कटिंग और गुणवत्ता को लेकर विवादों में घिरा हमीरपुर से मंडी बन रहा एनएच-03 के निर्माण में अब टीन के बन रहे रैन शेड सवालों के घेरे में आ गए हैं। लोगों का मानना है कि इन नए बन रहे रैन शेल्टर की न तो मजबूती है और न ही क्वालिटी। हल्की टीन से बने ये शेड नुमा रैन शेल्टर किसी बड़ी धांधली की तरफ इशारा कर रहे है।
लोगों का यह भी मानना है कि इससे बेहतर रैन शेल्टर तो पंचायतों द्वारा विभिन्न लिंक सड़कों पर बनाए गए हैं। करोड़ों रुपए के इस एन एच प्रोजेक्ट पर हल्की टीन के रैन शेल्टर नए विवादों को जन्म दे रहे हैं।
बता दें कि हमीरपुर से लेकर अवाहदेवी, सरकाघाट, धर्मपुर, कोटली होते हुए मंडी की दूरी वर्तमान में 124 किलोमीटर है, जो घटकर 109 किलोमीटर रह जाएगी। इतना ही नहीं रोड कंप्लीट होने पर हमीरपुर से मंडी वाया सरकाघाट, धर्मपुर मंडी का सफर दो घंटे कम समय में पूरा होगा।
हमीरपुर से मंडी तक कुल 40 बस स्टॉप और वर्षा शालिकाओं का निर्माण होना है। 109 किलोमीटर लंबे बन रहे एनएच-तीन के लिए हमीरपुर और मंडी जिला के 93 गांवों की 155.2223 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है। इसमें करीब 59 हेक्टेयर फॉरेस्ट लैंड और 50 हेक्टेयर सरकारी भूमि है, जबकि 44 हेक्टेयर जमीन का मुआवजा भू-मालिकों को दिया गया है।
इसमें सुजानपुर, बमसन, भोरंज, सरकाघाट, धर्मपुर, कोटली और मंडी सात तहसीलें शामिल हैं। वहीं निर्माण कंपनी के सुपरवाइजर श्रीकांत ने कहा कि डीपीआर में जैसा बताया गया है, निर्माण कार्य उसी तरह हो रहा है।