शिमला-जसपाल ठाकुर
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण बैठक आज होगी। सरकार प्रदेश में कोरोना के मामले बढऩे पर स्कूलों को बंद करने और बंदिशें बढ़ाने पर फैसला ले सकती है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को इस संबंध में संकेत दिए थे। शिक्षा विभाग से स्कूलों में विद्यार्थियों के संक्रमित होने का पूरा रिकार्ड मांगा गया है।
क्यास लगाए जा रहे हैं कि सरकार स्कूलों में नियमित कक्षाएं बंद कर देगी व फिर से ऑनलाइन पढ़ाई ही चलेगी। इसके अलावा मंत्रिमंडल की बैठक में अध्यापक पात्रता परीक्षा की वैधता आजीवन करने पर भी चर्चा की जाएगी। केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है। हिमाचल में अभी तक टेट की वैधता छह साल है। केंद्र ने राज्यों को अधिकृत किया है कि वे अपने स्तर पर इसको लेकर निर्णय लें। शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा था।
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में स्कूलों में नियमित कक्षाओं को जारी रखना है या फिर स्कूल बंद करना उचित होगा इस पर चर्चा की जाएगी। 2 अगस्त से प्रदेश के सभी स्कूलों में दसवीं से 12वीं के बच्चों की नियमित कक्षाएं हो रही हैं। एक सप्ताह के भीतर ही 52 से ज्यादा बच्चे कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। ऐसे में सरकार अपने फैसले की दोबारा समीक्षा करेगी। बच्चों के संक्रमित होने से अभिभावक भी चिंतित हैं। ऐसे में सरकार अपने फैसले को पलट सकती है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण के एक्टिव केस दो हजार के पार पहुंच गए हैं। ऐसे में सरकार बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। चंबा, मंडी व शिमला के स्कूलों में बच्चे कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।
इसके अलावा अन्य बंदिशों पर भी फैसला हो सकता है। श्रावण अष्टमी नवरात्र मेलों के दौरान सरकार ने बिना आरटीपीसीआर रिपोर्ट व वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के प्रवेश वर्जित किया है। मंदिर के बाहर पर्ची सिस्टम चलाया गया है, ताकि कोई यदि बार्डर से चोरी छिपे निकल आता है तो उसे मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। दोनों दस्तावेज दिखाने पर ही दर्शन पर्ची बनाई जा रही है।