सिरमौर – नरेश कुमार
जिला की सबसे ऊंची चोटी चूड़धार के कपाट खुल गए हैं। कपाट खुलते ही भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने चूड़धार का रूख किया। वीकेंड के अवसर पर हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों से आए श्रद्धालु नौहराधार के रास्ते से शिरगुल महाराज के दर्शन के लिए चूड़धार की चोटी पर पहुंचे।
गौरतलब है कि हिमाचल के प्रमुख आस्था स्थलों में शामिल चूड़धार में हर साल लाखों श्रद्धालु अपने आराध्य देव शिरगुल महाराज के दर्शन करने पहुंचते हैं।
अप्रैल माह में चूड़धार में श्रद्धालुओं के जाने का रिकार्ड टूट गया। नौहराधार के रास्ते से करीब चार घंटे का पैदल सफर कर हजारों की संख्या में श्रद्धालु चूड़धार पहुंचे।
अभी भी चूड़धार में बर्फ जमी पड़ी है। तीसरी नामक स्थान से आगे रास्ते में बर्फ करीब तीन से चार फुट जमी हुई है। रास्ता काफी फिसलन भरा है। कई श्रद्धालु तीसरी से आगे बर्फ के ऊपर नहीं चल पाते तथा कई लोग वापस नौहराधार की ओर निकल रहे हैं।
हालांकि सरकार द्वारा नौहराधार से चूड़धार के लिए रोपवे प्रस्तावित है। यदि रोपवे का निर्माण कार्य शीघ्र होता है, तो निश्चित तौर पर बाहरी राज्य के श्रद्धालुओं को शिरगुल महाराज के दर्शन करने आसानी से पहुंच सकते हैं।
बता दें कि अभी बर्फ के चलते चूड़धार में ठंड भी काफी है। बाहरी राज्यों अथवा हिमाचल के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे कई श्रद्धालुओं को नौहराधार में मौजूद होटल व गेस्ट हाउस में कमरे नहीं मिलने पर मजबूरन अपनी गाड़ियों में रात गुजारनी पड़ी।
नौहराधार के रास्ते में अस्थाई ढाबे खुल चुके हैं। चूड़ेश्वर सेवा समिति के प्रबंधक बीआर शर्मा ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि कोई भी श्रद्धालु रात को सफर न करें, क्योंकि यहाँ रात को सफर करना जान जोखिम में डालना है।