नूरपुर नगर परिषद 15 मार्च के बाद नए रेट से वसूलेगी होम टैक्स

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नूरपुर- देवांश राजपूत

नूरपुर नगर परिषद द्वारा शहर में गृह कर के लिए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से नई दरें लागू करने का मसौदा तैयार कर लिया गया है। शहरवासियों को आपत्तियां दर्ज करवाने के लिए 15 मार्च तक का समय दिया गया है। इसके बाद नई टैक्स दरें नगर परिषद द्वारा लागू कर दी जाएंगी।

गौरतलब है कि शहर में वर्ष 1950 के बाद पहली बार नए सिरे से टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार की कड़ी हिदायतों के बाद नगर परिषद को गृह करों की नई दरें लागू करनी पड़ रही हैं।

कच्चे घर से लेकर मैरिज हाॅल तक टैक्स के दायरे में

नई टैक्स प्रणाली में नूरपुर शहर में बने कच्चे घर से लेकर मैरिज हाॅल तक टैक्स के दायरे में लाए गए हैं। नई टैक्स प्रणाली में टैक्स की वैल्यू निकालने के लिए 6 फैक्टर तय किए गए हैं। शहर को 2 जोन में बांटा गया है। जोन-ए को पॉश क्षेत्र में रखा गया है जबकि जोन-बी को सामान्य क्षेत्र में रखा गया है।

नगर परिषद से मिली जानकारी अनुसार सम्पत्ति की टैक्स की सालाना वैल्यू निकालने के लिए लोकेशन फैक्टर, स्ट्रक्चर फैक्टर, एज (आयु सीमा) फैक्टर, जोन फैक्टर, यूज (उपयोग) फैक्टर, ऑक्यूपैंसी फैक्टर अमल में लाया जाएगा। पॉश क्षेत्र का रेट 3 रुपए प्रति वर्ग मीटर रखा गया है जबकि सामान्य क्षेत्र का रेट 2 रुपए प्रति वर्ग मीटर रखा गया है।

कच्चे-पक्के भवनों को 3 श्रेणियों में बांटा

नगर परिषद द्वारा शहर के पक्के भवनों से लेकर कच्चे भवनों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। स्ट्रक्चरल फैक्टर में कच्चे भवन के लिए 1 रुपए प्रति वर्ग मीटर, सैमी कच्चे भवन के 2 रुपए प्रति वर्ग मीटर तथा पक्के भवन के लिए 3 रुपए प्रति वर्ग मीटर रेट तय किए हैं।

नए टैक्स स्लैब में भवनों को एज (आयु सीमा) फैक्टर में बांटा गया है। शहर में वर्ष 1970 से पहले बने हुए भवनों को 1 रुपए प्रति फैक्टर वैल्यू, वर्ष 1971 से 80 तक के भवनों को 2 रुपए प्रति फैक्टर, वर्ष 1981 से 2000 तक के भवनों के लिए 3 रुपए प्रति फैक्टर, वर्ष 2001 से 2020 तक 4 रुपए प्रति फैक्टर, वर्ष 2021 से बने हुए भवनों के लिए 5 रुपए प्रति फैक्टर वैल्यू लगाई गई है।

ऑक्यूपैंसी फैक्टर में निजी भवनों के लिए 3 रुपए प्रति वर्ग मीटर तथा किराए पर दिए गए घरों के लिए 5 रुपए प्रति वर्ग मीटर, यूज फैक्टर में रैजीडैंशियल सम्पत्ति का 2 रुपए प्रति वर्ग मीटर तथा नॉन रैजीडैंशियल का 3 रुपए प्रति वर्ग मीटर रेट आंका गया है।

अधिकतम ये होगा टैक्स रेट

वर्ष 1970 तक के पॉश क्षेत्र के 80 वर्ग मीटर के कच्चे मकान को सालाना 162 रुपए, सामान्य क्षेत्र के कच्चे मकान को 108 रुपए अधिकतम सालाना टैक्स लग सकता है। पॉश क्षेत्र के 2021 के बाद बने 100 वर्ग मीटर के पक्के भवन को अधिकतम 3037 रुपए सालाना तथा सामान्य क्षेत्र के भवन को 2025 रुपए सालाना टैक्स लग सकता है।

ये भी नए टैक्स स्लैब में

इसके अलावा होटल, रेस्तरां, बार, बैंक, कॉल सैंटर, कोचिंग सैंटर, प्राइवेट तथा सरकारी स्कूल, शिक्षण संस्थान, ढाबे, गैस्ट हाऊस, गोदाम, मोबाइल टावर, निजी कार्यालयों को भी नए टैक्स स्लैब में लाया गया है।

बैंकों और स्कूलों के टैक्स में नहीं होगी बढ़ौतरी

नगर परिषद अनुसार बैंकों, स्कूलों तथा अन्य शिक्षण संस्थानों में नया टैक्स फैक्टर लगाया गया है लेकिन उक्त संस्थानों की टैक्स को पहले के अनुसार ही रखा जाएगा।

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