व्यूरो रिपोर्ट
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी में पहुंचे देवी-देवता मंगलवार को बाबा भूतनाथ के प्रांगण में सजी चौहाटा की जातर के बाद दोपहर तक देवालयों को लौटने लग पड़े। महोत्सव के अंतिम दिन जिलाभर से आए देवी-देवता चौहाटा बाजार में विराजमान हुए।
श्रद्धालुओं देवी-देवताओं के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। सात दिन के बाद सभी देवी-देवता अपने मूल स्थानों के लिए रवाना हुए। चौहाटा बाजार में सजी जातर से यहां का नजारा देख ऐसा प्रतीत हो रहा था मानों धरती पर स्वर्गलोक उतर आया हो।
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने चौहाटा में देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की। उन्हें चादर व पूजा सामग्री भेंट की। इसके बाद वह राजदेवता माधो राय की अंतिम जलेब में शामिल होंगे। पड्डल मैदान में सात दिवसीय महोत्सव का समापन होगा।
सेरी चानणी पहुंचे आराध्य देव कमरुनाग
जनपद के आराध्य देव कमरुनाग भी टारना मंदिर का आसन छोड़कर देवी-देवताओं को विदा करने के लिए चौहाटा की जातर में पहुंचे। देव कमरुनाग ने कुछ देर के लिए सेरी चानणी की पौडिय़ों में आसन जमाया।
देव आदि ब्रह्मा ने शहर की परिक्रमा कर बांधा सुरक्षा कवच
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के अंतिम दिन उत्तरशाल घाटी के देव आदि ब्रह्मा ने शहर की खुशहाली के लिए पूरे मंडी शहर की परिक्रमा कर सुरक्षा कार बांधी। देव आदि ब्रह्मा ने सुरक्षा कार बांधकर लोगों को सुरक्षा का वादा भी किया।
आदि ब्रह्मा के गूर व देवता के साथ आए अन्य बंजतरियों ने सेरी बाजार से बाबा भूतनाथ से होते हुए चौहटा बाजार, समखेतर बाजार, महाजन बाजार, इंदिरा मार्किट के चारों ओर से होते हुए पूरे शहर को सुरक्षा कार बांधी और अगले वर्ष तक सुरक्षा का वादा कर गए।
इस दौरान देवता के देवलुओं ने जौ के आटा गुलाल की तरह हवा में उछाल कर बुरी आत्माओं को दूर रहने का आह्वान किया। पूरे प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव ही एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें लोक देवताओं की भागीदारी हर स्तर पर होती है। सुरक्षा कार को लेकर ऐसा माना जाता है कि इससे मंडी शहर पर बुरी आत्माओं का साया नहीं पड़ता है।
शिवरात्रि के दौरान जनपद के कई देवी-देवता रियासतकाल से ही अपनी भागीदारी निभाते आए हैं। इनमें उत्तरशाल के देवता आदि ब्रह्मा की भूमिका अहम मानी जाती है।