चम्बा- भूषण गुरुंग
चिकित्सकों की पेनडाउन स्ट्राइक मरीजों पर भारी पड़ रही है। अस्पतालों में डाक्टरों के इंतजार में मरीजों की लंबी कतारें लग रही हैं। चेकअप व इलाज करवाने आ रहे कई लोगों को उपचार भी नहीं मिल पा रहा है। शनिवार को मेडिकल कालेज चंबा में भी कुछ इस तरह के ही हालात थे।
मेडिकल कालेज चंबा के सभी चिकित्सक सुबह पेनडाउन स्ट्राइक के चलते दो घंटे ओपीडी से नदारद रहे। मरीज डाक्टर से चेकअप करवाने के लिए पंजीकरण केंद्र के बाहर लंबी लाइनों में अपनी पर्ची बनवाने के लिए खड़े थे। लाइन इतनी लंबी थी कि मरीजों को पर्ची बनवाने में आधे से एक घंटे का समय लग रहा था।
सुबह 10 बजे मरीज ओपीडी पहुंचे तो वहां कोई डाक्टर मौजूद नहीं था। ओपीडी में निजी सुरक्षा कर्मी और अन्य स्टाफ मौजूद था जो मरीजों को ओपीडी में डाक्टर के 11.30 बजे आने की जानकारी दे रहे थे। ओपीडी ब्लाक की दूसरी मंजिल स्थित मेडिसिन ओपीडी के बाहर मरीजों की भीड़ लगी रही। बुजुर्ग मरीज थकावट की वजह से ठंडे फर्श पर बैठ गए। \
उसके आगे महिला ओपीडी के बाहर महिलाओं की भीड़ लगी थी। गर्भवती अपनी नियमित जांच करवाने के लिए पहुंची थीं जो डाक्टर का इंतजार करने के लिए ठंडे फर्श पर बैठने के लिए मजबूर थीं। इसी तरह अन्य बीमारियों का इलाज करवाने के लिए पहुंची महिलाएं भी परेशान थीं। हड्डी रोग ओपीडी के बाहर मरीजों का जमावड़ा लगा था।
स्टाफ को पर्ची थमाने के बाद मरीज ओपीडी के बाहर डाक्टर के आने का इंतजार कर रहे थे। यही हाल नेत्र ओपीडी के बाहर था। यहां मरीज अपनी आंखों का चेकअप करवाने के लिए सुबह से खड़े थे लेकिन पेनडाउन स्ट्राइक के चलते उन्हें दो घंटे डाक्टर का इंतजार करना पड़ा।
आफत बन गई डाक्टरों की स्ट्राइक
डाक्टरों की पेनडाउन स्ट्राइक अब मरीजों के लिए आफत बन गई है। शनिवार को भी चंबा मेडिकल कालेज सहित जिले के 57 सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में डाक्टरों की दो घंटे की पेनडाउन स्ट्राइक रही। समय पर अस्पताल पहुंचने के बावजूद मरीजों को ओपीडी के बाहर खड़े होकर दो घंटे डाक्टर के आने का इंतजार करना पड़ा। यह सिलसिला कई दिन से जारी है।
विनोद भारद्वाज, महासचिव मेडिकल कालेज फैकल्टी एसोसिएशन के बोल
डाक्टर सरकार से पंजाब की तर्ज पर हिमाचल में वेतन देने की मांग कर रहे हैं। इस मांग के पूरा न होने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
डा. देवेंद्र कुमार, चिकित्सा अधीक्षक मेडिकल कालेज चंबा के बोल
पेनडाउन स्ट्राइक के बाद चिकित्सक अपनी-अपनी ओपीडी में पहुंच गए जिसके बाद मरीजों का चेकअप शुरू हो गया था।