शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में वेतन न मिलने से शिक्षकों और कर्मचारियों का गुस्सा सोमवार को फूट पड़ा। शिक्षक कल्याण संघ (हपुटवा) और गैर-शिक्षक संघ के संयुक्त तत्वावधान में कुलपति कार्यालय के बाहर जोरदार धरना प्रदर्शन किया गया।
इस दौरान विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने कक्षाओं का बहिष्कार कर विरोध दर्ज करवाया और तीन घंटे तक प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को अप्रैल माह का वेतन अब तक नहीं मिला है।
वेतन फाइल शिक्षा सचिव के टेबल पर 10 दिन तक पड़ी रही लेकिन उस पर कोई हस्ताक्षर नहीं किए गए। प्रदर्शनकारियों ने इस देरी की जांच की मांग की है।
उनका कहना है कि यह देरी शिक्षा सचिव और उच्च शिक्षा निदेशक की असंवेदनशीलता को दर्शाती है। प्रदर्शन में यह भी कहा गया कि पहले विश्वविद्यालय को तिमाही आधार पर अनुदान राशि मिलती थी, लेकिन अब हर महीने सरकार के पास “कटोरा” लेकर जाना पड़ रहा है।
यह स्थिति एक स्टेट यूनिवर्सिटी के लिए शर्मनाक है। रजिस्ट्रार की अनुपस्थिति के कारण फाइलें अटकी पड़ी हैं और कामकाज पूरी तरह प्रभावित हुआ है।
धरने के दौरान कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि अगर वेतन भुगतान में देरी यूं ही जारी रही, तो आंदोलन को और व्यापक बनाया जाएगा। बाद में प्रदर्शनकारी प्रति कुलपति से मिले और तीन दिन में वेतन प्रक्रिया को दुरुस्त करने की मांग रखी।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि कर्मचारियों को 2016 वेतनमान के तहत एरियर और पूरा डीए अब तक नहीं मिला है। साथ ही, शिक्षक वर्ग CAS और गैर-शिक्षक RPC लाभों से वंचित हैं, जिससे रोष और असंतोष बढ़ रहा है।
कर्मचारी संगठनों ने स्पष्ट किया है कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन और सरकार ने शीघ्र समाधान नहीं निकाला, तो संघर्ष को और तेज किया जाएगा।
ये रहे उपस्थित
इस दौरान डॉ. नितिन व्यास, डॉ. अंकुश, डॉ. अंजलि, डॉ. राम, डॉ. शिव डोगरा, डॉ. शशिकांत, प्रो. दुनीचंद, प्रो. उमेश, प्रो. चंद्रमोहन समेत सैकड़ों शिक्षक और कर्मचारी मौजूद रहे। गैर-शिक्षक संघ से राजेश, राणा जी, सुनील और राजकुमारी समेत कई पदाधिकारी शामिल हुए।