हिमखबर डेस्क
प्रदेश सरकार ने हिमाचल में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट किया है। देश में इसके मामले बढ़ रहे हैं। सरकार ने एहतियात के तौर पर मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं।
इस बीमारी को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता स्वास्थ्य सचिव एम सुधा ने की। उन्होंने कहा कि मंकी एक वायरल बीमारी है। इसके लक्षण स्माल पॉक्स जैसे होते हैं।
1958 में हुए शोध में इस बीमारी को बंदरों में पाया गया था। इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स पड़ा है। विदेश से हिमाचल आने वाले लोगों पर नजर रखने को कहा गया है। यह एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय है। बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द इस बीमारी के लक्षण है।
स्वास्थ्य सचिव एम सुधा ने चिकित्सा अधिकारियों, स्टाफ नर्सों, सीएचओ और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से जिलों में बैठक आयोजित करने का भी निर्देश दिए हैं। मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, में कम से कम 5 से 6 आइसोलेशन विस्तार की सुविधा रखने को कहा है।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?
- डॉक्टर मानते हैं कि ये एक संक्रामक रोग है जो संपर्क में आने से फैलता है।
- स्किन से संपर्क होने पर, जो व्यक्ति संक्रमित है उसके करीब आने से और यौन संबंध बनाने से आदि फैलता है।
- आंख, मुंह, नाक और कान के जरिए ये हमारे शरीर में प्रवेश करता है।
- वहीं, संक्रमित चूहे, बंदर और गिलहरी के संपर्क में अगर आप आते हैं तो ये वायरस फैलता है।
क्या हैं मंकीपॉक्स के लक्षण:-
- तेज सिर दर्द और सूजन होने पर मांसपेशियों और पीठ में दर्द होना
- तेज बुखार आना, बुखार कम होने पर शरीर में चकत्ते हो जाना
- ध्यान रखें कि ये चकत्ते चेहरे से शुरू होते हैं और फिर पूरे शरीर में हो जाते हैं और फिर इनमें खुजली और दर्द होता है।
कैसे कर सकते हैं बचाव ?
- बचाव करने के लिए सबसे पहले तो आपको लक्षणों की पहचान करनी होती है और फिर ऐसे व्यक्ति से दूरी बनाना जरूरी है।
- आप संक्रमित व्यक्ति को अलग रख सकते हैंपूरी तरह सफाई का ध्यान रखें और हाथों को बार-बार धोएं।
- शारीरिक संबंध न बनाएं।
- अपने डॉक्टर से संपर्क करें और वैक्सीन जरूर लगवाएं।