शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश के लगभग दो हजार शारीरिक शिक्षकों के पद खाली चल रहे हैं। 870 के करीब पदों को भरने की पूर्व सरकार ने प्रक्रिया शुरू की थी जो मामला कोर्ट में जाने की वजह से लटक गया है। भर्ती प्रक्रिया शुरू न होने से प्रदेश के बेरोजगार शारीरिक शिक्षक खासे गुस्से में है और सरकार के खिलाफ शिमला में पिछले 11 दिनों से धरने पर बैठे हैं।
आज बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों ने चौड़ा मैदान में रैली निकाली और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन कर चेताया कि अगर सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को शुरू नहीं किया तो वे परिवार सहित सीएम आवास के बाहर धरने पर बैठेंगे और आत्मदाह करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों का कहना है कि सात साल से प्रदेश के स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों के पद नहीं भरे गए हैं। ऐसे में जहां प्रशिक्षित शारीरिक शिक्षक बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बच्चे खेल गतिविधियों से भी दूर हो रहे हैं और नशे की लत में पड़ रहे हैं।
कई बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों की उम्र 50 पार हो गई है और अभी तक सरकारी नौकरी के लिए सड़कों पर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। सरकार कोर्ट का हवाला देकर भर्ती प्रक्रिया को लटकाने का काम कर रही है जबकि उनके पास सभी सारी शैक्षणिक योग्यता है।