हिमाचल में क्रिप्टो करेंसी ठगी मामले का मुख्य आरोपी मिलन गर्ग कोलकाता से गिरफ्तार

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बैंकॉक भागने की फिराक में था मास्टरमाइंड, SIT ने कोलकाता एयरपोर्ट से किया गिरफ्तार

हिमखबर डेस्क

हिमाचल पुलिस की एसआईटी ने क्रिप्टो करंसी धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड को कोलकाता हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया है जोकि टूरिस्ट वीजा पर देश छोड़कर भागने की फिराक में था। मिलन गर्ग उत्तर प्रदेश के मेरठ कैंट के आर्य बाजार तोपखाना का रहने वाला है जोकि मुख्य आरोपित सुभाष का सारा काम देखता था। क्रिप्टो करंसी धोखाधड़ी मामले की नैटवर्किंग से लेकर वैबसाइट और बाकी का ऑनलाइन काम मिलन गर्ग ही संभालता था।

बता दें कि गत वर्ष अढ़ाई हजार करोड़ रुपए से अधिक की क्रिप्टो करंसी धोखाधड़ी सामने आने के बाद मिलन गर्ग मुख्य आरोपित सुभाष शर्मा के साथ दुबई भाग गया था। टूरिस्ट वीजा समाप्त होने के बाद वह इसी वर्ष भारत आया था। हिमाचल पुलिस ने मिलन गर्ग के विरुद्ध लुकआऊट नोटिस जारी किया था।

जब उसके कोलकाता हवाई अड्डे पर होने की सूचना मिली तो वहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। मिलन बैंकॉक भागने की कोशिश कर रहा था। एसआईटी ने आरोपी को गिरफ्तार करने बाद शिमला पहुंचाया और कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 3 दिनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

मिलन गर्ग वर्ष 2017 में मुख्य आरोपित सुभाष शर्मा के संपर्क में आया था। उत्तर प्रदेश के रहने वाले एक व्यक्ति के साथ काम के कारण उसे क्रिप्टो करंसी के बारे में जानकारी थी। सुभाष से मिलने के बाद उसने बिटकाॅइन नाम से कंपनी बनाई थी।

मिलन गर्ग ने ही नैटवर्किंग साॅफ्टवेयर तैयार करवाया था और निवेशकों को हर माह 5 प्रतिशत ब्याज व 11 माह में पैसा दोगुना देने का प्रलोभन देकर करीब एक लाख लोगों से अढ़ाई हजार करोड़ रुपए से अधिक की ठगी कर ली थी। मिलन ने सुभाष के पत्नी व बेटे सहित दुबई में होने की पुष्टि की है। उसे दुबई में निवेश करने के लिए मिलन गर्ग ने ही उकसाया था।

घोटाले का मुख्य आरोपी सुभाष शर्मा हिमाचल के मंडी जिले के सरकाघाट का रहने वाला है। सुभाष शर्मा के विरुद्ध  पुलिस ने लुकआऊट नोटिस जारी किया है। एसआईटी ने अभी तक इस मामले में 26 लोगों को गिरफ्तार किया है और 70 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। गिरफ्तार किए गए कुछ मुख्य आरोपियों में मंडी के हेमराज, सुखदेव और ऊना जिले के अरुण गुलेरिया और अभिषेक शामिल हैं।

क्रिप्टो करंसी के नाम लोगों से करोड़ों रुपए ठगने वाले इन शातिरों ने हिमाचल के अलावा कई बाहरी राज्यों में संपत्ति बनाई है। मामले में कई अहम साक्ष्य एसआईटी के हाथ लगे हैं। शातिरों ने लोगों को ठगने के लिए 6 तरह के कॉइन तैयार किए थे। शातिरों ने कॉर्वियो कॉइन, डीजीज कॉइन, फिश टोकन हाईपनेक्सट, बिटपैड-1, बिटपैड-2 और एडिड फाइनांस के झांसे में लेकर लोगों को ठगा है।

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