व्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल के किन्नौर सहित कई अन्य क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूंकप शुक्रवार को सुबह 10 बजकर 51 मिनट पर आया। इसका केंद्र किन्नौर के सांगला में जमीन से पांच किलोमीटर नीचे था। भूकंप की तिव्रता रिकटर पैमाने पर 3.2 मापी गई, किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
राज्य भूकंप के लिए अति संवेदनशील है और इसे जोन चार और पांच में रखा गया है। मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि लगातार भूकंप के झटके आने से बड़े झटकों की संभावना कम हो जाती हैं, इससे फायदा ही होता है।
भूकंप क्यों आता है?
पूरी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। ये प्लेटें 30 से 50 किलोमीटर तक नीचे हैं। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है, ये प्लेटें इसी लावे पर धीरे-धीरे घूमती रहती हैं। हर साल 4-5 मिमी अपने स्थान से खिसक जाती हैं।
कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। ऐसे में कई बार ये आपस में टकरा भी जाती हैं। और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है जिसे भूकंप कहते हैं।
भूंकप का केंद्र वह स्थान होता है, जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय उर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है।