”टप-टप रोको, प्यार से टोको”, “गांव का पानी गांव में, खेत का पानी खेत में”

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ब्रह्माकुमारीज ने जल संरक्षण के प्रति अपने विचार किए प्रकट, कहा जल संरक्षण के प्रति किए जाएंगे रैली और सेमिनार 

नाहन, 5 जून – नरेश कुमार राधे

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय नाहन द्वारा जल जन अभियान जल संरक्षण जीवन संरक्षण कार्यक्रम मनाया गया। भारत सरकार व ब्रह्माकुमारीज के बीच साइन किए गए एमओयू के तहत लोगों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाई जा रही है। इसके अंतर्गत रैली और सेमिनार किए जाएंगे।

सब जोन देहरादून की इंचार्ज राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी, सेवा केंद्र हरिद्वार संचालिका की संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मीना दीदी जी, सेवा केंद्र रुड़की की राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी गीता दीदी जी व राजयोगी भ्राता सुशील कुमार देहरादून से विशेष रुप से जल जन अभियान के तहत कुपवी, हरिपुरधार,संगड़ाह, ददाहू के लोगों को जल की महत्ता बताते हुए शनिवार को नाहन सेवा केंद्र पहुंचे तथा लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया।

कार्यक्रम के शुरुआत में राजयोगी ब्रह्मा कुमार सुशील भाई जी ने “जल जन अभियान” की संपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए जन का सहयोग होना बहुत जरूरी है। जब हम व्यक्तिगत स्तर पर पानी की बचत करेंगे या उसको सुरक्षित करेंगे, तभी यह अभियान सफल हो पाएगा।

इसके लिए उन्होंने एक सहज युक्ति बताई, “टप-टप रोको, प्यार से टोको”, “गांव का पानी गांव में, खेत का पानी खेत में”  ताकि इस कार्य में सहयोग देकर हम प्राकृतिक संसाधन को ज्यादा समय तक प्रयोग कर सके। साथ ही बताया की जीवन में गुण व शक्ति का बैलेंस होना सुखद अनुभव कराता है।

ठीक इसी तरह शरीर को चलाने के लिए पांचों तत्वों को बैलेंस करना भी जरुरी हैं।जल हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा है इसलिए इसको संरक्षित करने की पहल हम जरूर करें।

राजयोगिनी मंजू दीदी जी ने कहा कि हमें जल को बचाना है तो उसकी बचत करनी पड़ेगी। बचाएंगे, तभी तो जमा कर पाएंगे। हमें भूतकाल और भविष्य को अच्छा बनाने के लिए सबसे पहले वर्तमान को अच्छा बनाना होगा, क्योंकि यही वर्तमान भूतकाल और भविष्य बनाता है। इसलिए हमें वर्तमान में चीजों का खाता बढ़ाना है, ताकि भविष्य में भी काम आ सके।

राजयोगिनी मीना दीदी जी ने कहा कि आने वाले समय में पानी को बचा के रखना है तो पानी को घी की तरह इस्तेमाल करें। आज घर में पानी है,नल है। पानी के बिना कोई कार्य नहीं होता है, फिर भी जितना जल बचाएंगे उतना कल बेहतर होगा।

कुछ समय से हम देख रहे हैं कि हम इंसानों ने ही हर चीज का बैलेंस बिगाड़ दिया है और जब बैलेंस बिगाड़ा है तो हर चीज के अभाव का हमको ही सामना करना पड़ रहा है। अभी जब सामना करना पड़ता है तो फिर उसके लिए हम कई प्रकार के अभियान चलाते हैं।

गीता दीदी जी ने कहा कि पहले पानी जब दूर दूर से लाते थे तो सोच समझकर प्रयोग करते थे उसकी अपेक्षा आज हमको घर-घर पानी आसानी से मिल जाता है तो हम उसको वेस्ट ज्यादा करने लगे। हमें ऐसा नहीं करना चाहिए।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भ्राता पवन कुमार जी ( XEN सीपीडब्ल्यूई डिपार्टमेंट) मौजूद थे। उन्होंने कहा कि पानी के संरक्षण की जरूरत पड़ी, क्योंकि जनसंख्या बढ़ने से भी पानी की कमी आ गई है। सभी को पानी बड़ी सूझबूझ के साथ प्रयोग करना चाहिए।

कार्यक्रम के अंत में सेवा केंद्र की संचालिका रमा दीदी जी ने सभी का धन्यवाद किया और जल को प्रयोग में लाने के लिए बताई गई बातों पर आज से ही अमल में लाने के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर बहन अंजना शर्मा ने स्वागत गीत गाया पर कुमारी आयुषी ने “ये मत कहो खुदा से यह मुश्किलें बड़ी है” सुंदर गीत प्रस्तुत किया बाबूराम  भाई और यादवेंद्र भाई ने सिरमौरी गीतों पर नाटी प्रस्तुत की।

 

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