शोध में खुलासा: ई-सिगरेट का इस्तेमाल भी खतरनाक, हार्ट अटैक का खतरा

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कई लोग ई-सिगरेट का उपयोग कर रहे हैं, पर ई-सिगरेट पूरी तरह से हानि रहित नहीं है और इनका उपयोग हृदय की कार्यप्रणाली को बाधित कर सकता है, जिससे हार्ट अटैक भी हो सकता है।

कांगड़ा – व्यूरो रिपोर्ट

परंपरागत सिगरेट की तरह ही ई-सिगरेट का इस्तेमाल भी खतरनाक होता है। इससे हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है।

यह बात डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज टांडा, अखिल भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान गोरखपुर, राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज लखनऊ और स्टेट हर्शे मेडिकल सेंटर यूएसए के संयुक्त अध्ययन में यह बात सामने आई है।

डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज टांडा से इस अध्ययन में डॉ. ईशिता गुप्ता शामिल हुईं। यह शोध पत्र इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में छापा गया है।

इस शोध के अनुसार पारंपरिक धूम्रपान के हानिकारक प्रभावों पर व्यापक जागरूकता के साथ कई लोग ई-सिगरेट का उपयोग कर रहे हैं, पर ई-सिगरेट पूरी तरह से हानि रहित नहीं है और इनका उपयोग हृदय की कार्यप्रणाली को बाधित कर सकता है, जिससे हार्ट अटैक भी हो सकता है।

संबंधित अध्ययन के लिए व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण किया गया। इससे संंबंधित प्रासंगिक लेख खोजे गए।इसके लिए पांच डाटाबेस के माध्यम से पड़ताल की गई। इस पूरे अध्ययन में 5,85,306 व्यक्तियों पर आंकड़े जुटाए गए।

इसके विश्लेषण में कुल चार अध्ययनों को शामिल किया गया। इनमें 19,435 ई-सिगरेट उपयोगकर्ता थे, जबकि 1693 ने केवल पारंपरिक सिगरेट का उपयोग किया। 5,53,095 गैर ई-सिगरेट उपयोगकर्ता इसमें शामिल हुए।

सात प्रतिशत ई-सिगरेट उपयोगकर्ताओं को एक एमआई यानी मायोकार्डियल रोधगलन (एमआई ) यानी हार्ट अटैक का सामना करना पड़ा, जबकि 7.7 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत पारंपरिक धूम्रपान करने वालों व गैर ई-सिगरेट उपयोगकर्ताओं को एमआई का सामना करना पड़ा। ई-सिगरेट का इस्तेमाल करने वाले भी इसके आधे जोखिम में पाए गए।

क्या है ई-सिगरेट

ई-सिगरेट में मौजूद लिक्विड निकोटिन जलता नहीं है, इसलिए इससे धुआं नहीं निकलता है और सिगरेट जैसी गंध भी नहीं आती है। इसे लेकर अक्सर यह कहा जाता है कि ई-सिगरेट सामान्य सिगरेट के मुकाबले में कम नुकसानदायक होती है।

सच्चाई शोध से सामने आ चुकी है। इसकी मार्केटिंग भी सिगरेट की आदत छुड़ाने वाले उत्पाद केरूप में की जाती है। इसे कई फ्लेवर में उपलब्ध किया जा रहा है। ई-सिगरेट को बिल्कुल सिगरेटनुमा बनाया जाता है।

इसके अंत में बल्ब लगा होता है। कश लगाने पर बल्ब जलता है तो सिगरेट के तंबाकू जलने जैसा महसूस करवाता है।

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