चुवाड़ी – अनिल संबियाल
800 रुपये के अल्ट्रासाउंड करवाने को विधानसभा क्षेत्र भटियात के बाशिंदों को 3,000 हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। सिविल अस्पताल चुवाड़ी में यह सुविधा न मिलने से मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
कहने को तो अस्पताल में लाखों रुपये खर्च कर अल्ट्रासाउंड मशीनें स्थापित की गई हैं। बावजूद इसके रेडियोलॉजिस्ट का पद रिक्त होने से लोगों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
ऐसे में मजबूरन क्षेत्र के बाशिंदों को 30 से 56 किलोमीटर का सफर तय कर नूरपुर और पठानकोट का रुख करना पड़ रहा है। इससे उनकी जेबों पर खूब कैंची चल रही है वहीं उनका समय भी बर्बाद हो रहा है।
लोगों का कहना है कि कई बार सरकार और स्वास्थ्य विभाग से अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का पद भरने की मांग की गई है लेकिन अभी तक उनकी मांग पूरी नहीं हो पाई है।
सिविल अस्पताल चुवाड़ी पर 78 पंचायतों कुडणू, बनेट, कैंथली, गाहर, परछोड, रायपुर, साड़ल, होबार, अवांह, जतरूंड, परछोड़, ददरियाड़ा, गगाहर, सिहुंता, तारागढ़ आदि के बाशिंदे स्वास्थ्य लाभ के लिए निर्भर हैं।
अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन संचालित न होने से सबसे अधिक परेशानी गर्भवती महिलाओं को हो रही है। उन्हें रुटीन चेकअप के बाद अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए नूरपुर या पठानकोट की लंबी दौड़ लगानी पड़ रही है।
पठानकोट में 1,200 रुपये में अल्ट्रासाउंड हो रहा है। जबकि, टैक्सी किराये के रूप में उन्हें 1,500 से 1,800 रुपये चुकता करने पड़ रहे हैं। लंबे अरसे से अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का न होना चिंता का विषय बना हुआ है।
ग्रामीणों सतपाल ठाकुर, अनिल राणा, विजय कंवर, सुरेंद्र मनकोटिया, संजीव शांडिल्य, कमल सिंह, सागर चंद, कर्म चंद, अशोक कुमार, पंकज सिंह, राजीव कुमार, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन, भटियात में ये दावे औंधे मुंह गिरते प्रतीत हो रहे हैं।
एसएमओ देवेंद्र पाल ने बताया कि 2017-18 में नूरपुर से प्रतिनियुक्ति पर रेडियोलॉजिस्ट अल्ट्रासाउंड करने के लिए आते थे। बताया कि सरकार को समस्या के बारे में अवगत करवाया गया है।