बिलासपुर – सुभाष चंदेल
शाहतलाई-घुमारवीं सड़क पर भल्लु पुल के पास हुए दर्दनाक हादसे में 16 लोगों की जान जाने के बाद आखिरकार प्रशासन की नींद टूट गई है। प्रशासन ने अब उस खतरनाक रेतीली चट्टान को हटाने का काम शुरू कर दिया है, जो इस त्रासदी का कारण बनी। स्थानीय लोगों में भारी रोष है और उनका कहना है कि यदि यह काम समय रहते कर लिया जाता, तो 16 जिंदगियां बचाई जा सकती थीं।
एक सप्ताह पहले इसी जगह पर हुआ था भूस्खलन
सूत्रों के अनुसार इसी जगह पर लगभग एक सप्ताह पहले भी एक छोटा भूस्खलन हुआ था। लोक निर्माण विभाग ने मौके पर पहुंचकर मलबा हटा दिया, लेकिन चट्टान से उत्पन्न हो रहे बड़े खतरे को गंभीरता से नहीं लिया। कुछ स्थानीय निवासियों ने विभाग को इस जगह पर लगातार हो रहे भूस्खलन के बारे में सूचित भी किया था, लेकिन अधिकारियों ने केवल मलबा हटाकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली।
इस लापरवाही ने विभाग के फील्ड अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गुस्साए लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकार इस घोर लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करेगी या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?
क्या कहते हैं अधिकारी?
लोक निर्माण विभाग झंडूता के अधिशासी अभियंता राकेश शर्मा ने इन आरोपों पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि संबंधित जगह पर पहले ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी और न ही किसी ने लगातार हो रहे भूस्खलन की कोई लिखित शिकायत विभाग में की थी। एक सप्ताह पहले हुआ भूस्खलन मामूली था, जिसे तुरंत हटा दिया गया था।
उन्होंने हादसे का कारण बताते हुए कहा कि लगातार बारिश के कारण चट्टान की दरारों में पानी रिस गया, जिससे वह नर्म होकर गिर गई। उन्होंने आश्वासन दिया कि मौके पर खतरनाक बनी चट्टान को हटाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
कैसे हटाई जा रही है चट्टान
प्रशासन अब किसी और अनहोनी को टालने के लिए पूरी सावधानी बरत रहा है। खतरनाक रेतीली चट्टान को हटाने के लिए पहले उस पर पानी की तेज बौछारें मारी जा रही हैं, ताकि वह और नर्म हो जाए। इसके बाद उसे सुरक्षित तरीके से काटने का काम किया जा रहा है, ताकि दोबारा कोई हादसा न हो।