15 साल की उम्र में खोये पिता, नौकरी के दौरान आया UPSC का ख्याल, बने चंबा के DC

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अपूर्व देवगन ने संभाला चंबा के उपायुक्त का कार्यभार, भारतीय प्रशासनिक सेवा के वर्ष 2015 बैच के अधिकारी हैं अपूर्व देवगन।

चम्बा – भूषण गूरूंग 

राज्य सरकार ने शनिवार शाम युवा आईएएस अधिकारी अपूर्व देवगन को चंबा जनपद की कमान बतौर उपायुक्त सौंपी है। सोमवार को चंडीगढ़ के अपूर्व ने कार्यभार भी संभाल लिया है।

कैरियर में डीसी की हैसियत से पहली पारी शुरू की है। इस सफलता के पीछे आईएएस अधिकारी के संघर्षशील जीवन की दास्तां है।

भारतीय वायुसेना में तैनात पिता की मृत्यु उस समय हो गई थी, जब अपूर्व महज 15 साल के थे। 20 मार्च 1988 को जन्में अपूर्व देवगन 35 साल की’उम्र में उपायुक्त के पद पर काबिज़ हुए हैं।

हरियाणा के तकनीकी शिक्षा विभाग में कार्यरत मां पर बच्चों के लालन-पोषण की जिम्मेदारी संभाली।

पंजाब इंजीनियरिंग काॅलेज से मैकेनिकल ट्रेड में बीटेक करने वाले अपूर्व ने 2009 से 2011 तक भारत पैट्रोलियम  में नौकरी की।

दिलचस्प ये है कि अपूर्व ने ग्रैजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद संघ लोक सेवा आयोग के बारे में नहीं सोचा था।

दो साल की नौकरी के दौरान ही यूपीएससी (UPSC) की नौकरी का ख्याल आया।

पहली कोशिश में सफलता नहीं मिली तो दूसरी कोशिश में 550 प्लस रैंक मिलने के बाद इंडियन रेलवे ट्रैफिक अधिकारी बनने का विकल्प मिला।

लेकिन वो तो आईएएस बनने की ही ठान चुके थे। 2014 की परीक्षा में सीधे ही 61वें रैंक पर पहुंचे।

इसमें कोई दो राय नहीं है, आईएएस बनने वाले का पहला सपना डीसी बनने का ही होता है। कैरियर के पहले 10 साल में उपायुक्त के तौर पर सेवाएं मायने रखती हैं।

बता दें कि एक आईएएस अधिकारी के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए ये शर्त होती है कि वो एक मर्तबा बतौर उपायुक्त सेवाएं दे चुका हो।

दरअसल ऐसा हुआ

2013 की परीक्षा में काफी नीचे रैंक मिलने से अपूर्व मायूूस हुए। इसके बाद रणनीति को बदलने का निर्णय लिया। पहले संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स में पढ़ रहे थे।

2014 की तैयारी के लिए पूरा ध्यान यूपीएससी पर केंद्रित किया। पहले घर पर ही तैयारी करते थे, लेकिन ये महसूस हुआ कि पढ़ाई में बाधा न पैदा हो, इसके लिए लाइब्रेरी जाना शुरू कर दिया था। एकाग्रता से 8 घंटे की पढ़ाई परीक्षा की सफलता के लिए काफी है।

विषय चयन

आईएएस अपूर्व देवगन ने एक साक्षात्कार में कहा था कि विषयों का चयन मायने रखता है, ये जरूरी नहीं कि जो आपने ग्रैजुएशन में पढ़ा है, वहीं चुने। बल्कि कुछ ऐसे विषय होते हैं, जो आपने पढ़े नहीं है लेकिन उनमें आपकी गहरी दिलचस्पी होती है। जनरल स्टडी में उन लोगों को अवश्य फॉलो किया जाना चाहिए, जो आपसे पहले सफल हो चुके होते हैं।

2015 बैच के आईएएस अपूर्व देवगन उपायुक्त के रूप में कार्यभार संभालने से पहले हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में सदस्य सचिव का कार्यभार संभाल रहे थे। वो एसडीएम बंजार व करसोग के अलावा शिमला में अतिरिक्त उपायुक्त के पद पर भी सेवाएं दे चुके हैं।

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