प्रभु जिस हाल में रखते हैं उसी में खुश रहता हूं
नूरपुर – स्वर्ण राणा
पिछले साढ़े 12 वर्षों से साइकिल से धार्मिक तीर्थ स्थलों की यात्रा कर रहा है जेएंडके रामबन का बुजुर्ग बाबा और 14 वर्षों की तपस्या का प्रण किया हुआ है। बुजुर्ग बाबा रोजाना साइकिल पर समान रखकर पैदल 25-30 किलोमीटर की यात्रा कर रहा है।
मणिमहेश यात्रा के दौरान नूरपुर के गुरचाल में हुई बुजुर्ग बाबा से मुलाकात। बुजुर्ग बाबा ने कहा कि मुझे साढ़े 12 साल हो गए यात्रा करते हुए मैं जेएंडके का रहने वाला हूं मैंने कांगड़ा, ज्वालाजी और वैष्णो देवी 101 बार जाने की तमन्ना रखी हुई है मैंने 98 चक्कर लगा दिए हैं और मेरे तीन चक्कर बाकी हैं।
मैं 14 साल की तपस्या दार हूं किसी से मांगता नहीं किसी से लेना नहीं देना नहीं और अपनी यात्रा के हिसाब से चलता हूं। मैं वैष्णो देवी से हरिद्वार, ऋषिकेश यमुनानगर चिंतपूर्णी, ज्वाला मां, कांगड़ा, चामुण्डा, बगलामुखी, नागनी माता से अब मणिमहेश की ओर जा रहा हूं।
भोलेनाथ के चरणों में बाबा ने लोगों को संदेश दिया कि एक होकर रहो और प्रभु को याद करो। इस यात्रा के बाद सीधा वैष्णो देवी जाऊंगा फिर जो तीन चक्कर बाकी हैं उनको पूरा करुंगा। मैं रोज 25-30 सफर करता हूं अगर चढ़ाई उतराई ज्यादा होगी तो सफ़र कम भी हो जाता है।