दिल्ली – नवीन चौहान
केन्द्रीय रेल मन्त्री अश्वनी वैष्णव ने राज्यसभा सांसद सुश्री इंदु गोस्वामी को संसद में एक प्रश्न के उत्तर में बताया की रेलवे मंत्रालय ने अमृत भारत स्टेशन स्कीम के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश के अम्ब अन्दौरा , बैजनाथ ,पपरोला , पालमपुर और शिमला रेलवे स्टेशनों का चयन किया है।
जिसके अन्तर्गत अम्ब अन्दौरा , बैजनाथ स्टेशनों के पुनर्विकास के टेंडर अवार्ड कर दिए गए हैं और स्टेशन भवनों के पार्किंग क्षेत्र , वेटिंग हॉल , टॉयलेट्स ,सर्कुलटिंग एरियाज और बरामदों के सुधार विकास कार्यों को शुरू किया गया है।
उन्होंने बताया की पालमपुर और शिमला स्टेशन को मास्टर प्लानिंग के अंतर्गत कवर किया गया है। जिसके अंतर्गत इन स्टेशनों में अतिआधुनिक सुविधाएँ विकसित की जाएँगी। जिसमे सिटी सेन्टर विकसित करना स्टेशन को दोनों तरफ से जोड़ना, दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएँ शामिल हैं।
उन्होंने बताया की दौलतपुर चौक रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की संख्या के अनुरूप उचित सुविधाएँ उपलब्ध हैं तथा इस स्टेशन पर वेटिंग हॉल , हाई लेवल प्लेटफार्म , शेल्टर , टॉयलेट्स , युरिनल्स आदि मुलभुत सभी सुविधाएँ विद्यमान हैं।
उन्होंने बताया की चालू बित वर्ष के लिए उत्तर रेलवे को यात्री सुविधाओं के लिए 3448.34 करोड़ रूपये आबंटित किये गए हैं।
उन्होंने राज्यसभा सांसद सुश्री इंदु गोस्वामी को संसद में बताया की एक अप्रैल 2024 तक हिमाचल प्रदेश में आंशिक पूरी तरह पड़ने बाली 13,168 करोड़ लागत की 255 किलो मीटर लम्बी रेलवे लाइनों का निर्माण कार्य स्वीकृति प्रदान की गई है जिसमे से 6225 करोड़ रूपये लागत से 61 किलो मीटर रेलवे लाइनें निर्मित की जा चुकी हैं।
उन्होंने बताया की 63. 5 किलो मीटर लम्बी भानुपल्ली —बिलासपुर –बेरी रेलवे लाइन और 30 किलो मीटर लम्बी चण्डीगढ़ –बद्दी रेलवे लाइन को राज्य सरकार के साथ साँझा खर्चे के आधार पर स्वीकृति प्रदान की गई है।
इन रेलवे लाइनों में 63. 5 किलो मीटर भानुपल्ली —बिलासपुर –बेरी रेलवे लाइन में कुल 124.02 हेक्टेयर जमीन की जरूरत के मुकाबले अब तक 79.57 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित कर ली गयी है तथा उपलब्ध भूमि पर निर्माण कार्य किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा इस परियोजना पर अब तक ₹5205 करोड़ रूपये खर्च किये गए हैं और हिमाचल प्रदेश सरकार के हिस्से की ₹1351 करोड़ की देनदारी बकाया है।
उन्होंने बताया की 30 किलो मीटर लम्बी चण्डीगढ़ –बद्दी रेलवे लाइन पर भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है और अब तक इस परियोजना पर कुल ₹ 727 करोड़ रूपये खर्च किये गए हैं जबकि इस परियोजना में हिमाचल प्रदेश सरकार के हिस्से की ₹146 करोड़ की देनदारी बकाया है।
उन्होंने बताया की हिमाचल सरकार द्वारा अपने हिस्सेदारी की अदायगी में देरी से इन परियोजनाओं के निर्माण में देरी हो रही है और इन परियोजनाओं के निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार की अहम भूमिका है।
उन्होंने बताया की हिमाचल प्रदेश में पड़ने बलि रेलवे लाइनों के लिए चालू बित बर्ष के लिए ₹ 2698 करोड़ का बजट प्राबधान किया गया है जोकि बर्ष 2009 -14 के मुकाबले 25 गुना ज्यादा है।