हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर जारी है, शनिवार से प्रदेश भर में लगातार बारिश हो रही है। इससे कई जगहों पर भारी नुकसान हुआ है। कई स्थानों पर भू-स्खलन होने से घरों के साथ दुकानें और गाडिय़ां क्षतिग्रस्त हुई है। इसके अलावा सडक़ें और पुल जर्जर होने से सैकड़ों सडक़ों पर यातायात बाधित है, 743 सडक़ें बंद है, शनिवार से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त।
शिमला – नितिश पठानियां
राज्य में बारिश से नुकसान नहीं थम रहा है। लगातार मानसून कहर जारी है। सोमवार को राज्य में दो नेशनल हाई-वे सहित 743 सडक़ें यातायात के लिए बंद पड़ी है।
- प्रदेश के मंडी, चंबा व कुल्लू के साथ राज्य के अन्य जिलों में भी जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
- चंबा में 214 सडक़ें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद पड़ी हुई है।
- इसके अलावा बिलासपुर में 26, हमीरपुर में पांच, कांगड़ा में 33, किन्नौर में दो, कुल्लू में एनएच 305 के साथ 131 सडक़ें बाधित चल रही है।
- लाहुल-स्पीति में एक सडक़ बाधित है।
- जिला शिमला में 15, सिरमौर में 41, सोलन में 23, ऊना में 13 और मंडी में एनएच-03 के साथ 288 सडक़ों पर वाहनों की आवाजाही थमी हुई है।
- इसके अलावा प्रदेश में 956 डीटीआर और 517 पेयजल परियोजनाएं भी प्रभावित चल रही है।
मानसून में अब तक 306 लोगों की मौत
राज्य में मौजूदा मानसून सीजन के दौरान 306 लोग मौत का ग्रास बन चुके है, जबकि 38 लोग अभी भी लापता है।
इसमें बिलासपुर में 15, चंबा में 36, हमीरपुर में 16, कांगड़ा में 48, किन्नौर में 26, कुल्लू में 26, लाहुल-स्पीति में 8, शिमला में 28, सिरमौर में 14, सोलन में 20, ऊना में 18 और मंडी में 51 लोगों की मौतें हो चुकी है।
अब तक 41 बार बादल फटे
अब तक 77 बार फ्लैश फ्लड, 81 बार भूस्खलन और 41 बार बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। लाहुल-स्पीति में सबसे ज्यादा 42 बार फ्लैश फ्लड आया।
कुल्लू में 15, शिमला में 14, लाहुल-स्पीति व मंडी में 12-12 और चंबा में 11 बार भूस्खलन हुआ। बादल फटने की 18 घटनाएं मंडी में, दस कुल्लू में, पांच चंबा में, शिमला व लाहुल-स्पीति में तीन-तीन और किन्नौर में एक बार दर्ज हुई हैं। बिलासपुर, हमीरपुर, ऊना, कांगड़ा, सोलन और सिरमौर में ऐसी कोई घटना नहीं हुई।
2394 करोड़ की चपत
राज्य में नुकसान का आंकड़ा 2394 करोड़ से पार हो चुका है। राज्य में अभी तक हुए नुकसान का आंकलन 2394.28 करोड़ लगाया जा रहा है। प्रदेश में मंडी मे सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इसके अलावा कांगड़ा, शिमला, चंबा में भी बारिश ने जमकर नुकसान किया है।
पुलिस ने संभाला मोर्चा
डीएसपी मनाली केडी शर्मा ने बताया कि धुंधी के पास भूस्खलन होने से सडक़ बंद हो गई थी, जिसे बहाल कर लिया गया है। पुलिस जवान ट्रैफिक सुचारू रखने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
केलंग डीएसपी रश्मि शर्मा ने बताया कि लाहुल के तेलिंग नाले में बाढ़ आने से सडक़ बंद है, जिसे बीआरओ बहाल कर रहा है। शिंकुला, बारालाचा व खरदूंगला सहित समस्त ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ताजा बर्फबारी हुई है।
बिलासपुर में 100 करोड़ बहा ले गई बरसात
बिलासपुर। जिला बिलासपुर में बरसात का मौसम 100 करोड़ से अधिक का नुकसान लील गया है। बारिश का कहर लगातार बरप रहा है।
बरसात के मौसम में लोक निर्माण विभाग को अब तक 75 करोड़ और जल शक्ति विभाग को 23 करोड़ के नुकसान का अनुमान है। विद्युत बोर्ड के अधिकारी नुकसान का आकंलन करने में जुटे हुए हैं।
कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर थमे पहिए
कीरतपुर-मनाली फोरलेन सोमवार सुबह समलेटू के पास भूस्खलन होने से फिर से बंद हो गया। पुराने चंडीगढ़-मनाली हाई-वे पर भी रविवार रात को फिर से भूस्खलन हुआ है।
कालका-शिमला एनएच पर मलबे के ढेर
कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पर सनवारा के समीप पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिरे।इसके अलावा चंडी-बढ़लग-पट्टा महलोग में सडक़ों भी पानी भर गया। सडक़ों ने नालों का रूप धारण कर दिया। चंडी-बढलग सडक़ पर डाकरा के समीप सडक़ पर पानी भर जाने के कारण बंद हो गई।
शिमला-मटौर एनएच एक घंटा बंद
डंगार चौक राष्ट्रीय उच्च मार्ग 103 शिमला-मटौर लगभग एक घंटे तक बंद रहा। राष्ट्रीय उच्च मार्ग शिमला-मटौर 103 डंगार चौक से एक किलोमीटर आगे गांव हरित्लयांगर में पहाड़ी से चीड़ के पेड़ गिरने के कारण दोपहर के समय बजे बंद हुआ और एक घंटा बंद रहा।
नालागढ़ में जमीन धंसने से हडक़ंप
नालागढ़। मूसलाधार बारिश ने पूरे इलाके को डर का माहौल है। सबसे गंभीर स्थिति इस बार गुज्जरहट्टी गांव में सामने आई है, जहां जमीन धंसने से कई घरों और दुकानों को खतरा पैदा हो गया है। गांव के प्राथमिक स्कूल के पीछे और बगल की पहाड़ी से लगातार मिट्टी खिसक रही थी।
रविवार देर रात तक स्कूल परिसर की ज़मीन धंसने लगी और दीवारों में दरारें आ गईं। इस खतरे को भांपते हुए प्रशासन ने सोमवार सुबह स्कूल को एहतियातन खाली करवा दिया।