सिरमौर में स्कूटी व कंडम ट्रक में 100 टन राशन की ढुलाई, कारोबारी का RTI के बूते खुलासा
नाहन, 27 मार्च – नरेश कुमार राधे
क्या आप विश्वास करेंगे, स्कूटी व कंडम ट्रक में 10-10 टन अनाज को दुर्गम पहाड़ी इलाकों में पहुंचाया जा सकता है। लाजमी तौर पर आपका जवाब…नहीं में होगा। यही नहीं, ढुलाई की आड़ में तो घोटाला हुआ ही, साथ ही गरीब परिवारों के राशन को भी डकार कर घोटाले की रकम को दोगुना कर दिया गया।
ये हम नहीं कह रहे, बल्कि आरटीआई के बूते शहर के कारोबारी रितेश गोयल ने मीडिया के समक्ष इन बिंदुओं का खुलासा सबूतों के साथ करने का प्रयास किया है।
करीब दो साल से कथित घोटाले का पर्दाफाश करने की मुहिम छेड़े रितेश गोयल ने अब तक 70 हजार रुपए की राशि आरअीआई की जानकारी जुटाने पर खर्च की है। आरटीआई से जुटाए दस्तावेजों का वजन करीब एक क्विंटल हो गया है।
कंडम ट्रक व स्कूटी…
रितेश गोयल ने पत्रकारवार्ता के दौरान भुगतान को लेकर बिलों व चालान इत्यादि की जानकारी भी शेयर की। इसमें खुलासा किया कि मिल मालिक द्वारा कंडम ट्रक (HP18B-5205) व स्कूटी (HP18A-8505) पर 10-10 टन राशन की ढुलाई दिखाई। इसके बाद विभाग ने बिलों को भी पास कर दिया।
एक आपूर्ति तो तीन महीने बाद गंतव्य तक पहुंची। गोयल ने कहा कि आरटीआई द्वारा एकत्रित की गई जानकारी चार कट्टों की है। इसमें से कड़ी मशक्कत के बाद करीब 5 किलो दस्तावेजों की छंटनी की गई, जो इस घोटाले को साफ तौर पर इंगित कर रहे हैं।
कैसे हुआ घोटाला….
रितेश गोयल की मानें तो कोविड काल में 2020-21 व 2021-22 में हिमाचल प्रदेश राज्य आपूर्ति निगम समिति के गोदामों से अनाज की ढुलाई की एवज में तकरीबन 10 करोड़ का घोटाला (Scam) हुआ है। ठेकेदार ने एक ही गाड़ी द्वारा एक ही दिन में तीन अलग-अलग स्थानों पर आटा ढुुलाई को दर्शाया है। निगम द्वारा बंद पड़ी आटा मिल को पिसाई व ढुलान का भुगतान किया गया।
रितेश गोयल की मानें तो इसका साक्ष्य आरटीआई की जानकारी में उपलब्ध है। साथ ही बिजली के बिलों से भी मिलान किया जा सकता है। गोयल ने सवाल उठाया कि जब बिजली की खपत ही नहीं हुई तो आटे की पिसाई कैसे हुई। ठेकेदार ने ढुलाई का कार्य कालाअंब से दर्शाया। 17 किलोमीटर का अतिरिक्त किराया दिखाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया।
एक सवाल के जवाब में गोयल का ये भी कहना था कि बार-बार शिकायत करने के बाद कोई परिणाम नहीं निकला। 6 जुलाई 2022 को प्रधानमंत्री व केंद्रीय खाद्य मंत्री व तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी जानकारी दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।
हिमाचल प्रदेश राज्य आपूर्ति निगम समिति के निदेशक द्वारा महज खानापूर्ति के लिए जांच करवाई गई। हैरानी जताते हुए गोयल ने कहा कि निगम द्वारा घोटाला करने वाले आटा मिल मालिक को मौजूदा में भी जमकर ढुलाई का कार्य दिया जा रहा है।
कैसे दोहरा गोलमाल….
दरअसल, अनाज की सप्लाई हुई ही नहीं। ऐसे में ढुलान के बिलों की अदायगी कर दी गई। निश्चित तौर पर आपके जहन में सवाल कौंध रहा होगा कि वो अनाज कहां गया। गोयल की मानें तो ये अनाज खुले बाजार में बेच दिया गया। हालांकि, सरकार के खजाने में न्यूनतम दर की राशि जमा हुई।
गोयल ने उदाहरण देते हुए बताया कि बीपीएल परिवार को मिलने वाले आटे की कीमत यदि 3 रुपए प्रति किलो मान ली जाए तो बाजार में ये कीमत 20 से 25 रुपए होगी। सरकार से मिला राशन लाभार्थियों तक पहुंचा ही नहीं। सरकार के खजाने में 3 रुपए अदा कर दिए जाते हैं।
बीपीएल की दर व खुले बाजार की दर के अंतर को आपस में बांट लिया जाता था। इसमें सबसे अधिक मुनाफा खुदरा व्यापारियों (राशन डिपो) को दिया जाता था, क्योंकि इनकी सबसे ज्यादा जिम्मेदारी रिकाॅर्ड मेंनटेन करने की होती है।
गोयल का ये भी कहना था कि राशन के डिपुओं में जब एक बार अंगूठा लग जाता है तो परिवार का पूरा राशन अलॉट दिखा दिया जाता है। राशन डिपो से उपभोक्ता को खरीदे गए राशन का बिल देने का भी प्रावधान नहीं है।
उन्होंने मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग करते हुए कहा कि विधायक अजय सोलंकी को भी दस्तावेजों सहित मामले की जानकारी दी गई है। उनका कहना था कि अगर सरकार 10 साल का रिकाॅर्ड खंगाले तो ये घोटाला 100 करोड़ के करीब पहुंच सकता है।
ये बोले उपायुक्त…
सिरमौर के उपायुक्त आरके गौतम के मीडिया के माध्यम से मामला संज्ञान में लाया गया। पत्रकारवार्ता के बाद उपायुक्त ने कहा कि खाद्य आपूर्ति व उपभोक्ता मामले के जिला नियंत्रक को इस मामले में रिपोर्ट भेजने के मौखिक आदेश दे दिए गए हैं।
क्या बोले जिला नियंत्रक….
खाद्य आपूर्ति व उपभोक्ता मामले के जिला नियंत्रक विजय सिंह ने कहा कि जांच पूरी हो चुकी है। अनियमितता नहीं पाई गई थी। शिकायतकर्ता द्वारा की गई पत्रकारवार्ता का मामला संज्ञान में आया है। समूचे मामले की दोबारा स्टडी कर रहे हैं।
जिला नियंत्रक ने गेंद उपभोक्ताओं के पाले में डालते हुए ये भी कहा कि राशन डिपुओं से राशन लेते वक्त बिल न लेना उनकी गलती है। उन्होंने कहा कि जनता को जागरूक करने की जिम्मेदारी मीडिया की भी है। उन्होंने कहा कि स्कूटी व कंडम ट्रक में ढुलान को लेकर सीरीज में गलती की बात सामने आई थी।