शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश में नीलामी में नहीं बिके शराब के ठेके मंगलवार को बंद रहेंगे। शिमला, कांगड़ा, मंडी और कुल्लू जिला में कई चरण की नीलामी के बाद भी काफी संख्या में शराब ठेकों का आवंटन नहीं हुआ है। बेस प्राइज अधिक होने के चलते नीलामी प्रक्रिया में शराब ठेकेदारों ने दिलचस्पी नहीं ली।
मंगलवार से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष के दौरान जिन ठेकों की नीलामी हो चुकी है, उन्हें खोल दिया जाएगा। सोमवार देर रात को इन दुकानों में बिकने वाली शराब की रेट लिस्ट जारी की जाएगी। शेष ठेके आगामी फैसले तक बंद रहेंगे।प्रदेश में करीब 2100 शराब के ठेके हैं।
20 मार्च से शुरू हुई शराब ठेकों की नीलामी की जा रही है। कई जिलों में बेस प्राइज बहुत अधिक होने के चलते शराब कारोबारी नीलामी प्रक्रिया में भाग नहीं ले रहे हैं। रविवार और सोमवार को छुट्टी के बावजूद कर एवं आबकारी विभाग ने शिमला, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और बिलासपुर जिला में नीलामी का आयोजन किया।
इस दौरान भी कुछ ही ठेके बिके। अन्य के लिए ठेकेदारों ने बोली ही नहीं लगाई। प्रदेश को सबसे अधिक राजस्व देने वाले शराब ठेकों की बिक्री नहीं होने से विभागीय अधिकारियों की परेशानियां बढ़ गई हैं। शिमला, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और बिलासपुर जिला में बीते साल के मुकाबले राजस्व प्राप्ति करना इस साल विभाग के लिए मुश्किल हो गया है।
शिमला जिला में पिछले साल 252 करोड़ का राजस्व शराब के ठेके की नीलामी से प्राप्त हुआ था। इस बार लक्ष्य 254 करोड़ रुपये का रखा गया है। अभी तक यह आंकड़ा 100 करोड़ रुपये से भी पार नहीं हो पाया है। कुल्लू में 21 करोड़, मंडी में 24 करोड़, बिलासपुर में 4 करोड़ और कांगड़ा में 20 करोड़ के राजस्व की कमी आई हैं।
इन जिलों में बेस प्राइज अधिक होने के चलते ठेकेदार नीलामी में भाग नहीं ले रहे हैं। कर एवं आबकारी विभाग ने साल 2025-26 में करीब 2800 करोड़ राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य प्राप्ति में अभी भी करीब 170 करोड़ रुपये की कमी है।
उधर, विभागीय अधिकारियों ने बताया कि नीलामी नहीं होने के क्या बेस प्राइज को कम किया जाए या नहीं। इसको लेकर सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। अब सरकार तय करेगी कि नहीं बिके शराब ठेकों के संदर्भ में क्या फैसला लिया जाना है।