शिमला- जसपाल ठाकुर
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने कार्यकाल का आखिरी एवं पांचवां बजट पेश किया। मुख्यमंत्री ने 11.02 बजे बजट पढ़ना शुरू किया व दो बजे पूरा किया। करीब तीन घंटे तक जयराम ठाकुर का बजट भाषण चला। मुख्यमंत्री पौने 11 बजे विधानसभा परिसर में पहुंचे। सेवा सिद्धि के चार साल समृद्धि के मोदी के सूत्र वाकया को पढ़कर बजट पढ़ने की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री ने बजट में पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने सहित तीन एलपीजी सिलेंडर मुफ्त देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री गृहणी सुविधा योजना जारी रहेगी। अब तीन सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे। अब एक अतिरिक्त सिलेंडर मिलेगा। पहले दो सिलेंडर मिल रहे थे। 220 नई बसें खरीदी जाएंगी, जिसमें 50 इलेक्ट्रिक बसें होंगी।
प्रदेश में लता मंगेशकर संगीत महाविद्यालय खोला जाएगा। हिमाचल प्रदेश में रोपवे नीति तैयार होगी। जयराम ठाकुर ने 51365 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया। राजस्व प्राप्तियां 37312 करोड़ की हुईं।
पढ़िए बजट की मुख्य घोषणाएं…
- 780 आशा कार्यकर्ताओं के पद भरे जाएंगे। 870 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के पद भरे जाएंगे। इसके अलावा अन्य विभिन्न श्रेणियों के पद भरे जाएंगे। शिक्षा, बिजली बोर्ड सहित राजस्व विभाग में भी भर्तियां होंगी। 2022 में 30000 रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जाएंगे। गृह रक्षकों की भी भर्ती होगी।
- आउटसोर्स कर्मियों को सैलरी स्लिप का प्रविधान किया गया है। आंगनबाड़ी वर्कर्स का मानदेय 1700 रुपये बढ़ाया। अब नौ हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। जयराम सरकार के कार्यकाल में इनके मानदेय में 4500 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अब 6100 रुपये मिलेंगे। आंगनवाड़ी सहायकों को अब 4700 रुपये मिलेंगे, इसमें 900 की वृद्धि की गई है।
- आशा वर्कर का मानदेय 1825 रुपये बढ़ गया है। कोविड-19 में आशा कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा 1825 की वृद्धि के साथ 4700 रुपये का मानदेय मिलेगा। सिलाई शिक्षिका को 900 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 7950 रुपये मिलेंगे। मिड-डे मील वर्कर का 900 रुपये मानदेय बढ़ाया। जल रक्षकों के मानदेय में 900 बढ़ाकर 4500 रुपये मिलेंगे।
- प्रत्येक आउटसोर्स कर्मी को न्यूनतम 10500 रुपये मिलेंगे। पंचायत चौकीदार के लिए स्पष्ट नीति बनाई जाएगी, 6500 रुपये मानदेय मिलेगा। राजस्व चौकीदार और नंबरदार का नौ सौ रुपये बढ़ा। राजस्व चौकीदार को पांच हजार मासिक मिलेंगे। एसएमसी अध्यापकों और एसएमसी शिक्षकों के मानदेय में एक हजार रुपये की बढ़ोतरी की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा एसएमसी शिक्षकों को हटाया नहीं जाएगा व नीति बनाने पर भी विचार किया जाएगा। एसपीओ का मानदेय नौ सौ रुपये बढ़ाया गया।
- हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष 12769 लोगों को आवास मिलेंगे। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत गरीब लोगों को लाभ मिलेगा।
- खेलों को लेकर खिलाड़ियों की डाईट मनी बढ़ाने की घोषणा की। 240 राज्य के भीतर और राज्य के बाहर 400 रुपये की गई। राज्य के भीतर पहले 120 थी और राज्य के बाहर 200 रुपये थी।
- आबकारी एवं कराधान विभाग को फोर्स मिलेगी। नशा निवारण के लिए कारगरत साबित होगी। अवैध शराब के मामलों को रोकने के लिए एक मोबाइल एप शुरू किया जाएगा। शराब की बोतल पर लगे होलामार्क को स्कैन कर इसकी पहचान हो सकेगी। शराब की बोतल पर एक रुपये और सेस लगाया जाएगा, जिसे गोवंश के लिए दिया जाएगा। एक रुपये सेस पहले से लागू था अब यह दो रुपये हो गया है।
- धर्मशाला और मंडी में भी साइबर पुलिस थाने में खोले जाएंगे। अभी सिर्फ शिमला में कार्यरत है। यह थानें आइजी रेंज स्तर के होंगे। चार नए अग्निशमन केंद्र खोले जाएंगे। गृहरक्षकों को क्षेत्र से बाहर जाने पर दैनिक भत्ता दिए जाने की भी सीएम ने घोषणा की है।
- हिमाचल प्रदेश में गरुड़ नई ड्राेन योजना शुरू होगी। चार ड्रोन फ्लाइंग केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा प्रदेश में डिजिटल लाइब्रेरी भी स्थापित की जाएगी। दस पर्यटन व स्वास्थ्य स्थलों में वाई-फाई हाटस्पाट स्थापित किए जाएंगे।
- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा नई राहें नई मंजिल के तहत 50 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इंट्रीग्रेटेड सोलिड वेस्ट बोर्ड के दो कार्यालय खोले जाएंगे। नदियों के निरीक्षण के लिए 14 नए निरीक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-तीन के तहत 45 सड़कों का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है। पर्यटन सड़कों के रखरखाव की सीमा को 5 एवं 6 वर्ष से कम करके तीन वर्ष किया गया, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक इन पर भ्रमण का आनंद ले सकें। इसके लिए 350 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। सड़कों को आधुनिक तरीके से उखाड़कर निकलने वाले मैटीरियल को रिसाइकल कर दोबारा इस्तेमाल किया जाएगा।
- 1060 किलोमीटर लंबी वाहन योग्य सड़क का निर्माण किया जाएगा। 2065 किलोमीटर सड़कें पक्की होंगी। प्रदेश में 75 पुलों का निर्माण किया जाएगा। पक्की सड़कों की लंबाई 40 हजार किलोमीटर से अधिक होगी। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में महिलाओं को 35 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, पहले 30 प्रतिशत था।
- जल जीवन मिशन में हिमाचल प्रदेश पहला राज्य है, जिसे चौथी किस्त भी प्राप्त हुई है। प्रदेश में बेहतर कार्य के कारण ही यह प्राप्त हुई है।
- अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों के जो लोग कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं हैं वे मूलधन चुकाकर वन टाइम सेटलमेंट कर पाएंगे।
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सीएम मोबाइल क्लीनिक चलाए जाएंगे। हर ब्लाक में क्लीनिक चलाया जाएगा। रोगियों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत आयोजन से आरपीएमसी टांडा में उपलब्ध कैथ लैब की सुविधा के अतिरिक्त आयुर्विज्ञान महाविद्यालय हमीरपुर, चंबा व नाहन में भी सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
- प्रदेश में पांच सौ डाक्टर के नए पद सृजित किए जाएंगे। वर्तमान में 2500 के करीब चिकित्सकों का काडर है। आयुष वैलनेस सेंटर में महिला एवं पुरुष योग प्रशिक्षकों के रूप में आरोग्य मित्र लगाए जाएंगे।
- प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लगभग 1260 करोड़ की सहायता उपलब्ध होगी। हिम केयर कार्ड की नवीनीकरण अवधि एक साल से बढ़ाकर तीन साल कर दी जाएगी। परिवारों का पंजीकरण पूरा वर्ष होगा। अभी जनवरी से मार्च तक होता है।
- अटल श्रेष्ठ शहर योजना में अब नगर निगम भी शामिल होंगे। पहले नगर परिषद और नगर पंचायतें ही शामिल थीं। इसमें इसमें एक करोड़ रुपये तक के पुरस्कार का प्रविधान है। शहरी विकास के लिए 723 करोड़ का प्रविधान किया गया। नगर परिषद के पार्षद, नगर पंचायत के अध्यक्ष, सदस्य का मानदेय भी बढ़ाया गया।
शिक्षा क्षेत्र के लिए आठ हजार करोड़
- शिक्षा क्षेत्र के लिए 8412 करोड़ का प्रविधान किया गया है। शिक्षा के लिए छह सूत्रीय कार्ययोजना तैयार की जाएगी। जिला के शीर्ष विद्यालयों को पुरस्कृत किया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत प्राथमिक पाठशाला में 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए पूर्व प्राथमिक शिक्षा आरंभ की गई है और इसका विस्तार किया जाएगा। छात्रवृत्ति राशि भी बढ़ाई गई। शोधार्थियों के लिए भी राशि बढ़ाई गई। दो सौ स्कूलों में आयुष वाटिकाएं स्थापित की जाएंगी, इसमें दुर्लभ पौधे लगाए जांएगे।
- रोजगार परामर्श के मार्गदर्शन तथा परामर्श की दृष्टि से वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में करियर परामर्श दर्शन प्रकोष्ठ स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से राजकीय महाविद्यालय संस्कृत महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में गाइडलाइंस एंड प्लेसमेंट सेल की स्थापना की जाएगी। जहां पहले से ही विद्यमान हैं उन्हें और सुदृढ़ किया जाएगा।
- शहीदों और दिव्यांग जवानों के बच्चों को हर महीने 1500 रुपये छात्रवृत्ति मिलेगी।
- सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी में अप्रैल से शुरू हो जाएगा। भाषा अध्यापकों और संस्कृत शिक्षकों का पदनाम अब टीजीटी हिंदी और टीजीटी संस्कृत किया जाएगा। पीजीटी का पदनाम अब प्रवक्ता स्कूल किया जाएगा।
नई बाल पोषण योजना
- हिमाचल प्रदेश में नई बाल पोषण योजना आरंभ की जाएगी। यह योजना सात स्तंभों पर आधारित होगी। इस योजना में बच्चों में डायरिया, उपयुक्त प्रोटीन युक्त आहार, बच्चों गर्भवती धात्री महिलाओं में एनीमिया के उपचार के लिए विशेष प्रयास, उच्च रक्तचाप और अनीमिया से पीड़ित गर्भवती व धात्री दूध पिलाने वाली माताएं और कुपोषित बच्चों का सही उपचार होगा। इसके तहत 65 करोड़ का प्रविधान किया गया है।
- हिमाचल प्रदेश में एक हजार आंगनबाड़ी भवन का निर्माण किया जाएगा। वर्तमान में 18925 आंगनबाड़ी केंद्रों में से केवल 2136 आंगनबाड़ी केंद्र विभागीय भवन में चलाए जा रहे हैं। माडल आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए 32 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
- महिला स्वयं सहायता समूह के लिए मुख्यमंत्री सहायता योजना प्रति स्वयं सहायता समूह 25 हजार की रिवाल्विंग फंड राशि का प्रविधान किया गया। कृषि सखी को अब 500 रुपये मानदेय प्रतिदिन दिया जाएगा। विधवा पुनर्विवाह के लिए अब 65000 रुपये मिलेंगे। पहले 50 हजार मिलते थे।
- मुख्यमंत्री सहाय योजना शुरू की जाएगी। यह योजना बेसहारा को सहारा देगी। 12 करोड़ के बजट का प्रविधान किया गया है। पंचवटी योजना में दो हजार वाटिका का निर्माण होगा। मनरेगा के तहत पौधरोपण के लिए पचास करोड़ का प्रविधान किया। कौशल आपके द्वार नई योजना शुरू की, इसमें वेल्डिंग सहित अन्य सेवाएं उपलबध होंगी।
पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ा
- पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया गया। जिला परिषद अध्यक्ष को 15000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। इसमें 7000 की वृद्धि की गई है। पंचायत समिति अध्यक्ष को नौ हजार, उपाध्यक्ष को 6500 व सदस्य को 5500 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। पंचायत प्रधान को भी 5500 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। उपप्रधान को 3500 रुपये मिलेंगे। पंचायत वार्ड पंच को तीन सौ प्रति ग्राम सभा बैठक मानदेय मिलेगा।
पेंशन के लिए आयु सीमा 60 वर्ष
- वृदावस्था पेंशन की आयु सीमा 60 वर्ष की गई। पहले यह आयु सीमा 70 वर्ष थी। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए चालीस हजार पात्र लोगों को पेंशन प्रदान की जाएगी। 850 से बढ़ाकर एक हजार की गई। दिव्यांगजनों व विधवाओं को दी जा रही पेंशन एक हजार से 1050 करने की घोषणा की। 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को अब पंद्रह सौ रुपये की जगह 1700 मासिक पेंशन प्राप्त होगी। सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर अब 1300 करोड़ खर्च होंगे।
- 12921 करोड़ रुपये के विकासात्मक परिव्यय प्रस्तावित हैं, जिसमें विकासात्मक करीब 9534 करोड़ रुपये के प्रस्तावित है। अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के लिए 2400 तथा जनजाति विकास कार्यक्रम के लिए 865 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। विधायक प्राथमिकता योजना के तहत 150 करोड़ का प्रविधान किया है। यह सीमा बढ़ाई गई है।
- विधायक क्षेत्र विकास निधि 1 करोड़ 80 लाख से 2 करोड़ की गई। विधायक ऐच्छिक निधि 1000000 रुपये से मिलकर 1200000 रुपये करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि जब मैं सत्ता में आया था तब विधायक प्रतिनिधि 500000 थी।
- 15 करोड़ रुपये की लागत से दो अनाज मंडी बनाई जाएंगी। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, सौ गांवाें में शुरुआत की जाएगी। दस मंडी में प्राकृतिक खेती के उत्पाद बिकेंगे। प्राकृतिक खेती को पाठयक्रम में शामिल किया जाएगा।
- एक और पुष्प मंडी स्थापित होगी, इस पर 13 करोड़ खर्च होंगे। ड्रैगन फ्रूट की संभावनाओं को तलाशा जाएगा। परंपरागत मक्की के लिए दो करोड़ का प्रावधान किया गया। कृषि क्षेत्र के लिए 2022 में 583 करोड़ का प्रविधान किया गया है। मधुमक्खियों के विकास के लिए 4.50 करोड़ खर्च होंगे। प्रदेश में बागवानी नीति तैयार होगी। 543 करोड़ बागवानी के लिए खर्च होंगे।
- गोवंश को लेकर सरकार वर्तमान कानून में कड़ा प्रविधान करेगी। यदि आवश्यकता हुई तो नया कानून बनाया जाएगा। पांच बड़ी गो सेंक्चुअरी बनाई जाएंगी। गोवंश को अब 500 रुपये के स्थान पर 700 रुपये का प्रविधान किया जाएगा।
- दूध की खरीद में दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की घोषणा की गई। पात्र पशुपालन सहायक को फार्मासिस्ट के पद पर नियुक्त किया जाएगा। इसके लिए आवश्यकतानुसार संबंधित नियमों में बदलाव किया जाएगा। पशुपालकों की सहायता के लिए कॉल सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
- कोरोना की पहली लहर में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव देखा गया। परंतु हमने तमाम कठिनाइयों और बाधाओं को पार करते हुए इस समस्या का सामना किया। यही कारण है कि करोना की दूसरी और तीसरी लहर के आने तक स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ किया और हम इस महामारी से निपटने में सफल हो पाए।
- महामारी से पूर्व जहां प्रदेश में केवल दो ऑक्सीजन संयंत्र थे, उनकी संख्या बढ़कर 48 हो गई है। इस प्रदेश में स्वास्थ्य सगकेंद्र स्तर 5000 से अधिक ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर उपलब्ध हैं।