व्यूरो रिपोर्ट
क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में निजी कंपनी की ओर से लगाई गई सीआर मशीन पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। 19 लाख रुपये की मशीन का अस्पताल प्रशासन की ओर से 2.50 लाख रुपये प्रति माह किराया दिया जा रहा है। हैरानी की बात है कि किराया देने के बावजूद कंपनी ने मशीन को चलाने के लिए कर्मचारी तक नहीं दिया है।
इस मशीन को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी चला रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग अब तक मशीन का 30 लाख रुपये किराया दे चुका है। सीआर मशीन का प्रयोग एक्सरे यूनिट में प्रिंट आउट लेने के लिए किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग ने निजी कंपनी के साथ किए गए करार के मुताबिक अस्पताल में सीआर मशीन लगाई है। इसकी कीमत से अधिक किराया अस्पताल प्रशासन एक वर्ष में दे चुका है।
करीब दो माह पहले स्वास्थ्य विभाग ने अपनी सीआर मशीन भी खरीद ली है, ताकि 2.50 लाख रुपये किराया निजी कंपनी को न देना पड़े। अस्पताल प्रशासन ने इस बारे में निदेशालय को भी पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि अस्पताल में अब सीआर मशीन की आवश्यकता नहीं है। इसके बावजूद अभी तक निदेशालय से कोई जवाब नहीं आया है।
अस्पताल में लगी सीआर मशीन पर कांग्रेस भी सवाल उठा चुकी है। आखिर क्यों 19 लाख रुपये की मशीन का किराया 2.50 लाख रुपये प्रतिमाह दिया जा रहा है। यह राशि रोगी कल्याण समिति के खाते से प्रत्येक माह जा रही है।
क्या कहते है चिकित्सा अधीक्षक
चिकित्सा अधीक्षक डा. एस वर्मा का कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने अपनी सीआर मशीन खरीद ली है और निजी कंपनी की ओर से लगाई गई मशीन की आवश्यकता नहीं है। इस बारे में निदेशालय को अवगत करवाया दिया है। क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में प्रतिदिन 100 से अधिक एक्सरे होते हैं। इनका प्रिंट आउट लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सीआर मशीन करीब एक वर्ष पहले किराये पर ली थी। इस मशीन के माध्यम से कम समय में प्रिंट लिया जा सकता है।