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ब्यूरो – रिपोर्ट 

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हिमकेयर-आयुष्मान कार्डधारकों से पैसा वसूलने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने जिला के पांच बड़े निजी अस्पतालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है।

स्वास्थ्य विभाग ने इन अस्पतालों को इंपैन्ल्ड (सरकारी योजनाओं के तहत इलाज देने वाले निजी अस्पतालों की सूची) से नाम काट दिया है।

इसके साथ ही ऐसे अस्पतालों पर नकेल कसने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में डिस्ट्रिक्ट एंटी फ्रॉड यूनिट का गठन किया है।

यह यूनिट निजी अस्पतालों के व्यवहार में पाई जाने वाली अनियमितताओं पर करीब से नजर बनाए रखेगी।

दरअसल आमजन को एक सीमा तक का मुफ्त इलाज देने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से आयुष्मान भारत योजना और राज्य सरकार की तरफ से हिमकेयर योजना चलाई जा रही है।

इसमें मरीजों को सरकारी अस्पतालों और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में एक सीमा तक मुफ्त इलाज करवाया जा रहा है। हालांकि कुछ निजी अस्पतालों ने इस योजना के तहत भी मरीजों के उपचार के बाद आर्थिक लूट की कोशिश की।

इन पर अब जिला स्वास्थ्य प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। ऐसा ही एक मामला हाल ही में देहरा में आया था। यहां एक मरीज को उपचार के लिए टांडा भेजने और उससे पैसे वसूलने के मामले ने काफी तूल पकड़ा।

इस मामले में सीएमओ डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने बताया कि मामले की जांच जारी है। अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सीएमओ ने बताया कि जिला कांगड़ा में 2,54,554 परिवार हिमकेयर योजना के तहत पंजीकृत हैं। इनमें से 31,804 लाभार्थियों ने 31 करोड़ रुपये से अधिक के उपचार के लाभ लिए गए।

वहीं, आयुष्मान योजना के तहत 90,542 कार्डधारक पंजीकृत हैं। इनमें से 26,329 लाभार्थियों ने 36 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ लिया है।

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