“हमें भोजन चाहिए तंबाकू नहीं” थीम के अंतर्गत 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस- डॉ मुक्ता
पठानकोट, 22मई – बी एस लूथरा
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस प्रत्येक वर्ष 31 मई को मनाया जाता है। यह पहल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा 1987 में तंबाकू की महामारी की ओर सबका ध्यान आकर्षित करने के लिए की गई थी। इसके अतिरिक्त इस दिन तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में आम जनता को जागरूकता करने के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभियान चलाए जाते हैं।
जानकारी देते हुए पठानकोट सिविल अस्पताल में नोडल अधिकारी डॉ मुक्ता ने बताया कि प्रति वर्ष इस अभियान की एक अलग थीम होती है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2023 की इस वर्ष की थीम है “हमें भोजन चाहिए, तंबाकू नहीं”। जिसका उद्देश्य तंबाकू उगाने वाले किसानों में जागरूकता बढ़ाना और उन्हें टिकाऊ और पौष्टिक फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
उन्होनें कहा कि तम्बाकू एक ऐसा पौधा है जिसकी पत्तियों के लिए खेती की जाती है, जिसे सुखाकर तम्बाकू उत्पाद बनाये जाते हैं। इसमें निकोटीन होता है, जो व्यसन का कारण बन सकता है, यही वजह है कि धूम्रपान करने वाले इसे छोड़ने के लिए संघर्ष करते हैं।
तम्बाकू का आमतौर पर धूम्रपान के लिए उपयोग किया जाता है। हालाँकि, इसे विभिन्न तरीकों से भी इस्तेमाल किया जा सकता है। तंबाकू में निकोटीन और कई अन्य कार्सिनोजेनिक यौगिक होते हैं जो मूंह, गले, फेफड़ों का कैंसर को बढ़ावा देते हैं।
इसके नियमित सेवन से दाँत खराब,मसूढ़े खराब होने तथा हृदय रोग, घाव भरने में अधिक समय लगना, प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य में कमी, टाइप 2 मधुमेह का खतरा, गंध और स्वाद की भावना में कमी, त्वचा का समय से पहले बूढ़ा होना, सांसों की दुर्गंध और दागदार दांत, मोतियाबिंद का खतरा बढ़ना, पेप्टिक अल्सर इत्यादी बीमारियां हो सकती हैं।
उन्होंने कहा कि मजबूत इच्छाशक्ति अपनाकर कोई भी व्यक्ति धूम्रपान या तंबाकू की लत को मात्र 3 से 10 दिनों के अंदर छोड़ सकता है। इसके लिए परिवारिक सदस्य तथा सिविल अस्पताल में डॉक्टर भी उसकी मदद कर सकते हैं। अगर जरूरत पड़े तो कई तरह की वैकल्पिक दवाएं भी कुछ समय के लिए ली जा सकती हैं।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा आम जनता को इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने के साथ-साथ नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालान काटकर जुर्माना तथा सजा का प्रावधान भी रखा गया है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू छोड़ने से जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है और एक स्वस्थ, अधिक संतुष्ट जीवन की ओर ले जा सकता है। आइए हम तंबाकू मुक्त वातावरण बनाएं ताकि आने वाली पीढ़ियां खुशी से जी सकें।
ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर उनके साथ जिला सेहत अफसर डॉ सुनीता, जिला परिवार भलाई अफसर डॉ राज कुमार, सीनियर मेडिकल अफसर डॉ इशिता, जिला मास मीडिया अफसर विजय ठाकुर, मैडम मीनाकाशी उपस्थित थे।