बलीराम की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो ग्रामीणों ने उसे साढ़े चार किमी की खड़ी चढ़ाई में पीठ पर उठाकर सड़क तक पहुंचाया। इसमें ग्रामीणों को दो घंटे का समय लगा। इस बीच मरीज को उठाने वाले दर्जन भर लोगों के पसीने छूट गए।
ब्यूरो- रिपोर्ट
सिरमौर के कई दुर्गम इलाके आज भी सड़क सुविधा से महरूम हैं। सड़क के अभाव में कई बार ग्रामीणों की जान पर बन आती है। ऐसा ही वाक्या मंगलवार सुबह हरिपुरधार क्षेत्र की बढ़ोल पंचायत के कुणा गांव में हुआ।
यहां बलीराम को मंगलवार सुबह दिल का दौरा पड़ा तो ग्रामीणों को उसे पीठ पर उठाकर सड़क तक पहुंचाना पड़ा। कुणा गांव से सड़क की दूरी करीब साढ़े चार किमी है।
सड़क तक पहुंचने के लिए कुणा गांव से खड़ी चढ़ाई का सामना करना पड़ता है। बलीराम की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो ग्रामीणों ने उसे साढ़े चार किमी की खड़ी चढ़ाई में पीठ पर उठाकर सड़क तक पहुंचाया। इसमें ग्रामीणों को दो घंटे का समय लगा।
इस बीच मरीज को उठाने वाले दर्जन भर लोगों के पसीने छूट गए। यहां ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी चारपाई और पीठ पर उठाकर ही मरीजों को सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। कई बार तो मरीज बीच रास्ते में दम तोड़ चुके हैं।
मरीज को हरिपुरधार से प्राथमिक उपचार के बाद आईजीएमसी शिमला रेफर कर दिया गया है। कुणा गांव के नरेश शर्मा ने बताया कि नवंबर 2016 में सड़क निर्माण का कार्य शुरू हुआ था। पांच वर्ष बीतने के बाद भी कार्य पूरा नहीं हुआ। गांव तक सड़क भी लगभग बनकर तैयार हो गई थी। इसी बीच ठेकेदार ने कार्य बंद कर दिया।
अधिशासी अभियंता आरके शर्मा ने बताया कि कुणा सड़क से मलबा हटाने के लिए जेसीबी को भेज दिया है। ठेकेदार को डंगे लगाने के लिए भी कहा जाएगा।