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हिमखबर डेस्क

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एक आम व्यक्ति, 50 किलो वजन नहीं उठा सकता है। वो भी तब जब 45 की उम्र पार कर लिए हो। 46 साल की आयु में शख्स दांतों से ही 50 किलो वजनी सीमेंट की बोरी उठा ले तो ताकत का लोहा तो मानना ही पड़ेगा।

खास पेशकश में हम आपको सिरमौर के धारटीधार के “पंडित जी” से मिलवाने जा रहे हैं, जिनकी ताकत पूरे इलाके में मशहूर है। एक मर्तबा तो पंडित जी ने बाइक को भी उठा लिया था।

बात हो रही है, सिरमौर की भरोग बनेड़ी पंचायत के कन्यौण गांव के श्रवण कुमार की। 46 वर्षीय पंडित श्रवण कुमार बगैर हाथों का इस्तेमाल किए दांतों से सीमेंट से भरे बैग को कागज के लिफाफे की तरह उठा लेते हैं। इतना ही नहीं, वह दांतों से सीमेंट के बैग को उठाकर एक जगह से दूसरी जगह करीब 10-15 कदम आसानी से चल देते हैं।

वो ऐसा कारनामा न तो सोशल मीडिया में प्रचार के मकसद से करते हैं, न ही बाॅडी बिल्डिंग का शौक रखते हैं। शक्ति को गॉड गिफ्ट मानते है।

श्रवण कुमार अपने बल को लेकर करीब चार साल पहले उस समय चर्चा में आए थे, जब गांव में गृह निर्माण में लगे मजदूरों ने ये कहा कि सीमेंट का बैग नहीं उठ रहा है। दो व्यक्ति मिलकर भी सीमेंट का बैग नहीं उठा पा रहे थे।

श्रवण कुमार ने तुरंत बिना हाथों का इस्तेमाल किए दांतों से ही सीमेंट का बैग उठा कर 10-15 कदम दूरी पर पहुंचा भी दिया। ये देखकर मजदूर दंग रह गए। इसी बीच किसी ने उनकी वीडियो बना ली।

अक्सर पंडित श्रवण कुमार दोस्तों के साथ मजाक-मजाक में ऐसा करते रहते हैं। किसान परिवार से संबंध रखने वाले श्रवण कुमार घर-बाहर के कार्यों में रूचि लेते हैं, सामान को इधर-उधर उठाकर रखना हो तो किसी की सहायता लिए बिना स्वयं निपटा देते हैं।

वहीं “पंडित जी” के रूप में भी पहचान बनाई है। 46 वर्षीय श्रवण कुमार श्री रेणुका जी से भाजपा के मंडल सचिव हैं। अक्सर मित्र मंडली उनको बल दिखाने की चुनौती देती रहती है।

बाइक उठाकर बल का प्रदर्शन

श्रवण कुमार के मित्र व भाजपा के सोशल मीडिया प्रभारी पवन कुमार ने बताया कि श्रवण कुमार दांतों से करीब 40-50 किलो वजन आराम से उठा लेते हैं। कई बार शर्त लगाने के बहाने लोग ऐसा करवाते रहते हैं।

उन्होंने बताया कि एक बार मित्रों के आग्रह पर हाथों से बाइक भी उठा ली थी। इसमें कोई दो राय नहीं है कि श्रवण कुमार के जबड़े में ही नहीं, बल्कि मांसपेशियों में भी कमाल की ताकत है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन करने की नहीं सोची।

हालांकि, बढ़ती उम्र को देखते हुए परिवार उन्हें ऐसा करने से मना करता है। बच्चे व पत्नी इस बात को लेकर चिंतित होते हैं कि दांतों से भारी वजन उठाने से उन्हें गर्दन में दर्द इत्यादि की शिकायत हो सकती है।

दो बेटियों व एक बेटे के पिता श्रवण कुमार ने एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क से बातचीत में बताया कि वो 15-20 साल की उम्र से ऐसा कर रहे हैं। दोस्तों के साथ शर्त लगाकर दांतों से 40-50 किलो वजनी सामान को उठा लेते थे। उन्होंने कहा कि वो कौतूहलवश ऐसा करते थे।

खानपान के बारे में पूछे जाने पर पंडित श्रवण ने बताया कि सादा खाना खाते हैं। घी-दूध भी कम ही होता है। खेती भी परिवार का गुजारा चलाने भर ही होती है। इसके अलावा पंडिताई से थोड़ा बहुत गुजारा चल जाता है। दांतों की मजबूती के बारे में उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि नीम या तिंबर की लकड़ी की दातुन से मंजन करता हूं।

ये संदेश

46 की उम्र में नौजवानों जैसी फुर्ती व बल के धनी श्रवण कुमार ने युवाओं को नशे से दूर रहने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि कामकाज में मेहनत, जज्बा व लग्न हो तो कुदरत ताकत खुद-ब-खुद बख्श देती है।

श्रवण कुमार के अनुसार अगर इंसान के अंदर इच्छाशक्ति है तो कुछ भी किया जा सकता है। कुल मिलाकर मजाक में ही सही, श्रवण कुमार युवा पीढ़ी के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं।

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