बोले, बाहर से यूनिफॉर्म बेचने बालों को बुलाकर हमारे साथ हो रहा अन्याय।
लंज – निजी संवाददाता
शाहपुर उपमण्डल के तहत लंज के एक सरकारी स्कूल के बाहर से गाड़ियों में आए लोगों द्वारा बच्चों को वर्दियां बेचने का मामला प्रकाश में आया है। जिस पर दुकानदारों सोनू क्लाथ हाऊस, शमशेर सिंह, रवि कुमार, मसकियत सिंह, करण शर्मा, प्रमोद वेंस, छोटू राम, राजेश कुमार, राकेश कुमार ने आपति दर्ज करते हुए इसका विरोध किया।
उन्होंने बताया कि जब गाडी वालों व अभिभावकों से पूछा गया तो उन्होने कहा कि क्लास के इंचार्जों व प्रिसिपल ने गाडी वालों से वर्दियां खरीदने के लिए कहा है व हमारे वच्चों के नाप भी लिए है। इसको लेकर दुकानदारों को पहले ही अनुमान था।
जिस पर एक दर्जन दुकानदारों ने पहले ही प्रिसिपल के दफ्तर जाकर आपति दर्ज करवा दी थी, लेकिन जैसे ही स्कूल वंद होता है तो वह गाडी वाले स्कूल गेट के पास खडे होकर अपने काम में लग जाते है व कहते है स्कूल वालों ने हमें वर्दियां वेचने के लिए कहा है। वहीं दुकानदारों के आपति करने पर वह गाड़ी वाले वहां से भाग गए।
वहीं दुकानदारों ने वताया कि क्षेत्र के भोले-भाले वच्चों, को कमिशन के चक्कर में लूटने का काम किया जा रहा है। जो वर्दी पहले 800 से 1000 रूपये में वेची जा रही थी। स्थानीय दुकानदारों ने कहा कि उन्होने वहीं स्कूल युनिफार्म 600 – 700 रूपये की देने की वात कही तो वह गाडियों वाले अव 600 रूपये के हिसाव से स्कूल युनिफार्म वेचने का काम कर रहे है।
दुकानदारों ने सरकार से मांग की है कि ऐसे कमिशन खोर अफसरों व ऐसे स्कूल यूनिफॉर्म वेचने वाले लोगों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग उठाई है, हालांकि स्कूल के प्रिंसिपल ने आरोपो को सिरे से नकारा है। उंन्होने कहा कि हमने सिर्फ बच्चों को यूनिफॉर्म लेने को कहा था, बच्चे कहाँ से ले रहे उंसके बारे में कोई जानकारी नहीं, जहाँ उन्हें सस्ती मिल रही ले रहे है।
हैरान कर देने बाली बात
अब ऐसे में हैरानी का विषय यह है कि अगर स्कूल प्रशासन ने बच्चों को गाड़ी वालो से यूनिफॉर्म लेने को नहीं कहा तो फिर किसने कहा जो बच्चे तुंरन्त गाड़ी में यूनिफॉर्म देख उसे खरीदने लग पड़े। और बच्चों का गाड़ी वालो से सम्पर्क कैसे हुआ।
आखिर कौन है जो वर्दी का कमीशन खा रहा है। बरहाल, लोगों ने विधायक केवल सिंह पठानियां से मांग उठाई है कि इस मामले पर संज्ञान लें ताकि स्थानीय दुकानदार जो हर समय स्कूल की भलाई के बारे में सोचते हैं उनके साथ इस प्रकार की ठगी न हो।