भट्टियात- अनिल संब्याल
हिमाचल प्रदेश में इन दिनों झमाझम बारिश और बर्फ़बारी का दौर है। जिससे प्रदेश के हर इलाके में कड़ाके की ठण्ड पड़ रही है। बर्फ़बारी के दौरान प्रदेश में रेस्टोरेंट, ढाबे और खान-पान की अन्य दुकानें लगभग बंद है। दुकानें बंद होने के कारण शहर व् ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर घूमने वाले आवारा जानवरों के भोजन का सहारा भी छिन गया है। लोगों के घरो से कम निकलने के कारण बंदर, गाय, कुत्ते, पक्षी आदि भूख से बेहाल हुए है।
तो वही भट्टियात से प्रेरणा द इंस्पिरेशन संस्था के सदस्य समीर उनके लिए खाने का इंतजाम करने के लिए आगे आए हैं। वह अक्सर सुबह घर से बाहर घूमने जाते हैं और आवारा जानवरों और पक्षियों को खाना खिलाते हैं। समीर के कहना है कि बर्फ़बारी में जानवरों का हाल बेहाल है। इंसान तो अपनी परेशानी एक-दूसरे से साझा कर मदद हासिल कर लेते हैं, लेकिन बेजुबान जानवर कहां जाएं, कैसे मदद मांगें?
बर्फ़बारी से खानपान का व्यवसाय ठप होने से आवारा जानवरों का भूख मिटाने का सहारा छिन गया है। समीर ने प्रदेश के समस्त वासियों से कहा कि आओ मिलकर हम इन बेजुबान, बेसहारा जानवरों के लिए कुछ करें। अगर आपको कहीं भी कोई बेसहारा जानवर इस कड़कती ठण्ड में मिलता है तो किसी न किसी तरह उसकी सहायता के लिए आगे आए। और मानवता कि एक मिसाल पैदा करे।