तीन अक्तूबर से शुरू होंगे शारदीय नवरात्र, सुबह 6:19 से 7:23 बजे तक कलश स्थापना का मुहूर्त
हिमखबर डेस्क
इस बार मां दुर्गा का पालकी में आगमन होगा। शारदीय नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की नौ दिनों तक विधिवत पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने का विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार, नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करने के साथ जौ बोए जाते हैं।
इस साल कलश स्थापना का समय तीन अक्तूबर को सुबह 6:19 बजे से शाम 7:23 बजे तक होगा। इसके साथ ही अभिजित मुहूर्त 11:52 से 12:40 बजे तक होगा। मान्यता है कि इन नौ दिनों के दौरान मां पृथ्वी पर ही निवास करती हैं और अपनी भक्तों के हर एक कष्ट को हरने के साथ सुख-समृद्धि, धन-संपदा का आशीर्वाद देती है।
हर साल में कुल चार बार नवरात्र होते हैं, जिसमें से दो गुप्त नवरात्र होते हैं, जिसे तंत्र-मंत्र की साधना के लिए खास माना जाता है। वहीं दूसरी ओर चैत्र और शारदीय नवरात्र होते हैं, जो गृहस्थ जातकों के लिए काफी खास होते हैं। हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्र आरंभ हो जाते हैं और नवमीं तिथि को समाप्त हो जाते हैं। इसके बाद दशहरा का पर्व मनाया जाता है।
मां का डोली से आना सुखदायक
देवी पुराण के अनुसार जब मां गुरुवार या फिर शुक्रवार को आती हैं, तो वह पालकी पर सवार होकर आती हैं। मां की यह सवारी काफी शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि मां का डोली से आना सुख-समृद्धि लेकर आता है।
सर्वार्थ सिद्धि का बन रहा योग
आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ तीन अक्तूबर को सुबह 12:19 बजे से हो रहा है, जो चार अक्तूबर को सुबह 2:58 बजे तक होगा। ऐसे में उदया तिथि के हिसाब से शारदीय नवरात्र तीन अक्तूबर गुरुवार से आरंभ हो रहे हैं, जो 12 अक्तूबर को समाप्त होंगे। इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है।
मां के नौ स्वरूपों की पूजा
नवरात्र का पहला दिन-मां शैलपुत्री-तीन अक्तूबर नवरात्र का दूसरा दिन-मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-चार अक्तूबर नवरात्र का तीसरा दिन-मां चंद्रघंटा की पूजा-पांच अक्तूबर नवरात्र का चौथा दिन-मां कुष्मांडा की पूजा-छह अक्तूबर नवरात्र का पांचवां दिन-मां स्कंदमाता की पूजा- सात अक्तूबर नवरात्र का छठा दिन-मां कात्यायनी की पूजा-आठ अक्तूबर नवरात्र का सातवां दिन-मां कालरात्रि की पूजा-नौ अक्तूबर नवरात्र का आठवां दिन-मां सिद्धिदात्री की पूजा-दस अक्तूबर नवरात्र का नौवां दिन-मां महागौरी की पूजा-11 अक्तूबर विजयदशमी- 12 अक्तूबर-दुर्गा विसर्जन