उत्तराखंड-अतुल उनियाल
एक सौ बीस मेगावाट की व्यासी परियोजना के लिए विस्थापित किया गया लोहारी गांव सोमवार शाम को हमेशा के लिए बांध की झील में जलमग्न हो गया है, सोमवार शाम तक ग्रामीणों के घर भी पानी में डूबने लगे , क्योंकि पानी का जलस्तर शाम तक बढ़ा दिया गया था।
शनिवार को गांव खाली हो जाने के बाद उत्तराखंड जल विद्युत निगम ने एकाएक पानी की मात्रा बढ़ा दी , जिससे एक ही रात झील का जलस्तर 624 आरएल मीटर से 628 आरएल मीटर तक पहुंच गया, सिर्फ दो मीटर और पानी बढ़ने पर सोमवार देर शाम तक लोहारी हमेशा के लिए झील में जलमग्न हो गया, गांव के लोगों के लिए यह भावुक क्षण था जब वह अपने घरों को पानी मे डूबता देख रहे थे, उनकी आंखों में आंसू थे तो लेकिन प्रशासन के खिलाफ गुस्सा भी उमड़ रहा था।
गाँव के मुखिया का कहना है कि उनको 9 बार अलग अलग तरीके से मुआवजा दिया गया, एक साथ देते तो जमीन खरीद कर रह तो सकते थे, दूसरी बात 48 घण्टे का अल्टीमेटम उन्हें दिया कि अपनी जन्मभूमि को खाली करो, आनन फानन में गावँ लोगों ने खाली किया।
गेहूं और अन्य फसलों को भी प्रशासन ने उठाने नही दिया सारी फसलें पानी में डूब गयी, उनके बुजुर्गों की विरासत को पानी मे डूबते देख सिर्फ आंसू निकल रहे थे, लेकिन अब रहे तो रहें कहाँ यह एक विकराल समस्या बनी हुई है।
गाँव के लोग एक माध्यमिक विद्यालय जो खंडहर और जर्जर हालत में है वहां रह रहे हैं, पानी की बिजली सहित अन्य किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था लोगों को नही दी गयी है।
यमुना नदी पर ग्राम जुड्डों में बनकर तैयार हुए व्यासी बांध की झील में पानी भर गया है, पूर्ण रूप से लोहारी गांव जलमग्न हो गया है, बिजली उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश में मील का एक नया पत्थर साबित होने वाली व्यासी जलविद्युत परियोजना के लिए बनाए गए डैम में पानी भरने का काम पूरा हो गया है।
120 मेगावाट की यह जल विद्युत परियोजना प्रदेश को बिजली की समस्या से मुक्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी,परियोजना के लिए बनाए गए डैम में पानी भरने के दौरान डूब क्षेत्र में आए लोहारी गांव में भी आज पानी भर गया है।
गांव को जलविद्युत निगम व प्रशासन ने कई दिन पहले ही खाली करा लिया था, 48 घंटे के अल्टीमेटम के साथ प्रशासन जेसीबी मशीने लेकर गावँ पहुंच गए थे, गांव में रहने वाले परिवारों को गांव में ही ऊंचाई पर बने एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय व जलविद्युत निगम की कालोनी के 12 अन्य मकानों में शिफ्ट किया गया।
लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें गाय भैंसों की तरह ठूसा जा रहा है, उधर अधिकारी अफवाह फैलाने से बाज नही आ रहे हैं, न ही गांव में किसी पुलिस अधिकारी को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है।
पानी की मात्रा पूरी हो जाने के बाद इसी सप्ताह से टरबाइनों से उत्पादित होने वाली बिजली को पावर ग्रिड में तक पहुंचाने का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा,इसके अलावा अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक प्रदेश को परियोजना से बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी।
व्यासी जल विद्युत परियोजना : एक नजर में
स्थान: लखवाड़ , जिला देहरादून ब्लॉक कालसी
स्वामित्व : उत्तराखंड जलविद्युत निगम
यमुना नदी पर निर्मित परियोजना
बांध की ऊंचाई : 204 मीटर (669 फीट)
उत्पादन क्षमता 300 मेगावाट
टरबाइन तीन (सौ-सौ मेगावाट क्षमता की)
परियोजना का कुल रकबा : 9.57 वर्ग किलोमीटर
निर्माण आरंभ : 1987